#मनमोहन_छंद
#जीतेंगे_हम_बड़ा_समर
1
अखबारों में, छपी खबर ।
चर्चा चलती, नगर नगर ।
कोरोना की, चली लहर ।
कैसा बरपा, रहा कहर ।
2
ताला बंदी, है घर घर ।
सब कुछ ही अब, गया ठहर ।
व्यवस्था हुई, है जर-जर ।
यहाँ हवा में, घुला जहर ।
3
पानी अंदर, रहे मगर ।
इसमें जाना, नहीं उतर ।
दुनिया काँपी, है थर थर ।
भीड़ हुई सब, तितर बितर ।
4
बम बम भोले, हे हर हर ।
नाम तुम्हारा, करे निडर ।
हमने है अब, रखा सबर ।
जीतेंगे हम, बड़ा समर ।
अवधेश सक्सेना-21072020-
21 JUL 2020 AT 10:36
7 AUG 2020 AT 6:13
तुमसे ही लड़, गया नयन।
खिला खुशी से,मन उपवन।
चलो सुना दो, मधुर वचन।
हो जाऊँ मैं , मस्त मगन।
मुझको अपना, बना सजन।
आशा की अब,तुम्हीं किरन।
छूकर तुमको, चली पवन।
खुशबू फैली, धरा गगन।
भा जाती है, मुझे छुअन।
मिटती दिल की,तेज चुभन।
न चेहरे पर, रखो शिकन।
अपना होगा,जल्द मिलन।-