लड़ते है जो भारतीय जवान सरहद पर
जो करते देश के लिए अपनी जान न्योछावर
तभी तो सुरक्षित है हम सब अपने अपने घर पर
गर्व है हम सबको इन भारतीय जवानों पर
लड़ते लड़ते जो शाहिद हुए जो अपने परिवारों से दूर हुए गर्व है हम सबको इन भारतीयों जवानों पर
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चैन से सोए हम,
कोई आवाज से क्यों उठे भला?
पर कोई है जिसे हर आवाज पर ध्यान रहता है।
शहरों की चकाचौंध से परे,
कोई है जो अंधेरी रातों में रहता है।
हमे नींद में कोई खलन ना हो,
हम चैन से सो सके,
पर कोई है जो गीली माटी पर सोता है।
जान हथेली पे लेकर,
एक वीर, जन्मदात्री को छोड़ कर,
कर्मदात्री के लिए जीता है।
बर्फ हो या बरसात,
शीत हो या ग्रीष्म,
वो हर मौसम में सीमा पर डटा रहता है।
भारत मां के लाल है वो,
हर हाल में मां के लिए ही जीता है।
कोई क्या डराएगा उन्हें,
एक दहाड़ में उनकी दुश्मन कांप जाता है।
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खोखले डिब्बे शोर बहुत करते है,
बहुत सारे है जो वतन के लिए जान देने से डरते है।-
देश के वीरों की शहादत कुर्बान नहीं होती है,
उनकी दी हुई बलिदान बदनाम नहीं होती है...
हमने तो तिरंगा फहराया था बड़ी शान से
दुश्मनों के भीतर भर गयी थी भय
देखकर हमारे वीरों और जवानों की हुंकार से....
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