जिंदगी को देखने का सबका अपना दृष्टिकोण है
कुछ लोग भावनाओं में ही दिल की बात कह देते हैं..
और कुछ लोग भगवत गीता पर हाथ रखकर भी सच नहीं बोलते.!!
🌷आपका दिन शुभ हो🙏🌷-
वो सदा मुझ मैं वास करते है,
में जीवन भटक जाऊ तो वो सारथी बन जाते है,
किसी संकट मैं उलज जाऊ तो वो सुदर्शन बन जाते है,
में निराश हो जाऊ तो वो लीलाधर बन जाते है,
प्रेम से कितना ही विरक्त हो जाऊ वो मुझ में रास भर देते है,
वो मुझ मैं है वो मुझ ही मैं बसे रहते है।-
परिवर्तन चाहते है तो क्रोध और विरोध
को हृदय से निकल कर देखिए,
आपकी सहन करने की शक्ति ही आपके
सफल होने की शक्ति बन जाएगी।-
तुम हिम्मत से हार भी गए तो ज़िन्दगी भर योद्धा कहलाओगी,
ओर अगर तुम हिम्मत ही हार जाओगे तो कायर कहलाने के लायक भी नहीं रहोगे।
(भगवतगीता परिवर्तित स्वरूप)-
प्रेम रंग, जीवन उमंग,
प्रेम द्वंद, हृदय कृंदन,
कृष्ण रंग, श्याम तरंग,
मुरली संग, गोपाल मलंग,
वियोग रंग, कृष्ण प्रसंग,
राग रंग, रास तरंग,
अधर्म प्रसरण, नारायण अवतरण,
धर्म भक्षण, सुदर्शन रक्षण,
राधा प्रेम, लीलाधर एक,
भक्ति रंग, वासुदेव संग।-
आपके होने की ज़रूरत को सीमित ही रखिए, ताकि आप जब भी मृत्यु के लिए प्रस्थान करे तो आपके ना होने का गम किसी के जीवन को आश्रित ना करे।
-
जिन्हे ये लगता है कि हम मंदिरो, मस्जिदों और गुरुद्वारों में जा कर ईश्वर को प्राप्त कर लेंगे तो ईश्वर की सबसे ज्यादा ज़रूरत उन्हें ही है, क्योंकि वो लोग भूल जाते है कि ईश्वर हमारे अन्दर बसते है।
-
धर्म और कर्म दिखाने का शौक रखने वालो पहले तुम इंसानियत तो दिखा लो,
फिर तुम्हे धर्म और कर्म दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।-
।जब राम के नाम पर केवल अधर्म, क्रूरता, राजनैतिक लाभ होगा ओर इंसानियत खत्म होने लग जायगी तब राम का नाम भी मर्यादा खो चुका होगा।
-