कुछ कहानियां "बीच" से शुरू होकर,
"शुरुआत" पर खत्म होती हैं ।-
17 MAR 2018 AT 7:47
प्रेम हमेशा पास लाये ये जरूरी नहीं
प्रेम न होता बीच हमारे तो होती ये दूरी नहीं-
19 SEP 2018 AT 7:47
एक युग बीत गया सोचते सोचते।
अब हमारे बीच भौगोलिक ही नहीं ऐतिहासिक दूरी भी हो गयी है।-
29 DEC 2019 AT 10:07
कलम और कागज़ के बीच भी उतना ही मौन है
जितना तुम्हारे और मेरे।-
5 FEB 2018 AT 21:27
तेरे मेरे बीच कोई हद नहीं, बस एक सरहद है।
मैं सरहद के इस पार हूँ, तू सरहद के उस पार है।-
22 FEB 2017 AT 8:27
तेरे मेरे बीच कोई रिश्ता नहीं है
सूख चुका है दर्द अब रिसता नहीं है-
17 OCT 2018 AT 12:35
नीरज कीचड़ उबरे ,
गुड़ गोबर क्यूँ बिफरे ?
आईना झूठा हैं ,
सचमुच , हम तो निखरे ।
ऐसे टूटे धम्म से ,
टुकड़े टुकड़े बिखरे ।
कतरन कतरन आहें ,
ऊफ़्फ़ तेरे नखरे ।
हम तो सिमटे कोने ,
वो आँगन से ग़ुज़रे ।-
19 AUG 2020 AT 9:56
अब हमारे अौर उनके दरमियां बातें होने लगी है
अब उनको भी हमारी फिक्र सताने लगी है-