QUOTES ON #बारिश_का_वो_दिन

#बारिश_का_वो_दिन quotes

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21 MAY 2021 AT 11:47

बारिश....
तुम्हें याद है वो दिन जब शाम को इंदौर की उन गलियों में हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़कर टहल रहे थे। अचानक बादलों का रंग बदलने लगा था दिसंबर के महीने में बादलों का यूं अचानक से काला हो जाना अच्छा लग रहा था। बाजार में रौनक थी क्योंकि नया साल आने वाला था।
फिर उस बारिश का आ जाना जो हमें भीगो रही थी। और फिर तेरा हाथ पकड़कर दौड़ना। और फिर पता नहीं क्यों अचानक तुम्हें उस बारिश में पायलों की याद आ गई। वो तुम्हारी जिद थी या बचपना पता नहीं। पर जो भी था उसे पूरा तो करना था। फिर उस बारिश में एक ज्वेलरी कि दुकान मैं जाकर तुमने उसी वक्त पायल ले ली। और फिर तुम्हारी वो पागलपंती उसी वक्त पायल पहन कर दुकान से बाहर आना और फिर मेरा हाथ पकड़ कर उस बारिश में छम छम करके चलना।
क्या याद है तुम्हें वो दिन बारिश वाला।
Ria-HuL ❤️

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20 MAY 2021 AT 10:18

⛈️ बारिश का वो दिन ⛈️

मैं समीर और मेरी बहन का नाम शेफाली है बात उन दिनों की है जब मैं नौ साल का और शेफाली छः साल की थी। बारिश के दिन थे अगस्त माह का शुक्रवार का वो दिन जब घर पर हम दोनों अकेले ही थे मम्मी-पापा दादी को लेकर अस्पताल गए थे आसमान में काले बादल छाये हुए थे कुछ देर मे ही धूल भारी आंधी चलने लगी और आसमान से बिजली कड़कने की डरावनी आवाजे आने लगी। ऐसा प्रतीत हो रहा था की दिन में भी रात हो गयी थी अब घर का माहौल डरावना सा लगने लगा था। कुछ देर बाद गरज व ओलों के साथ तेज बारिश होने लगी। मैंने और शेफाली ने इस तरह का मौसम पहले कभी नहीं देखा था हम दोनों डरे-सहमें हुए खिड़की के पास सोफे पर बैठे थे। पापा से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पायी। तभी बाहर बहुत जोर की आवाज हुई। सामने के घर के ऊपर एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ गिर गया था और इस कारण से वो घर भी टूट गया था और भी बहुत सारे पेड़ और बिजली के खम्भे उखड़ गए थे चारों तरफ अफरा-तफ़री और चीख-पुकार का माहौल था तभी पापा की कार आकर रुकी हम दोनों ने जल्दी से दरवाजा खोला और जाकर पापा से चिपट गए कर रोने लगे। मम्मी दादी के साथ अस्पताल में ही रुक गयी थी पापा ने बहुत प्यार से हम दोनों को गले लगा लिया और होटल से साथ लाया हुआ पिज़्ज़ा खिलाया।
आज जब भी तेज बारिश होती है तो उस दिन को याद कर बदन कांप जाता है
कितना खौफनाक था--"बारिश का वो दिन!"

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