Harshita Yadav 11 APR 2018 AT 8:27 अक्सर ही जो भिखारियों को देख अपनी गाडी की रफ़्तार बढ़ा लिया करते है,वो भी मंदिर में दूध ना चढाने जैसी नसीहतें दिया करते है। - Raj Jaiswal 14 AUG 2021 AT 20:14 या तो नीरे मासूम, बेवकूफ़, ज़ाहिल, भोले-भाले बनके जीयोया फ़िर बहुत-बहुत.....बहुत ही... श़ातिर बनके जीयोअन्यथा पल-पल.... अरे पल-पल छोड़ो यार...ज़िदगीं भर घूंट ज़हर का पीयों 🙏🤓🙏 -