कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
अपनी हर शायरी को तेरे नाम किया
इसी तरह खुदको मशहूर सरेआम किया-
18 APR 2017 AT 1:37
19 APR 2020 AT 9:54
वैसे तो मेरे बुरे वक़्त मैं बहुत से चेहरे थे,
मुझे याद है कि कितने लोग थे जो मेरे थे।-
31 MAR 2020 AT 12:50
वीराँ है मय-कदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास हैं
तुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के
फैज़ अहमद फैज़-
22 APR 2020 AT 18:15
तुम्हारे जितना बुरा नही हूँ, लेकिन,
याद रखना मैं इतना अच्छा भी नही हूँ।-
26 APR 2020 AT 12:08
मैं भी फंसा हूं उसके दिल मैं 'फैज़'
जनाब ये lockdown कब खत्म होगा।-
30 MAR 2020 AT 9:36
कुछ तो कमी रही होगी तेरी चाहत मैं 'फैज़'
यूं ही नहीं ये दिल शहर की सड़को सा हो गया।-
19 APR 2020 AT 13:30
अगर डर है तुझे मेरे तबाह होने का,
तो तुझको भी हक़ है मुझसे जुदा होने का।-
15 APR 2020 AT 18:57
बतलाईये क्या पैश करूं खातिर मैं आपकी,
ख्वाब मैं ही सही आये तो दूर से ही हो।-
13 APR 2020 AT 20:32
इश्क़ मैं दूरियाँ बेहतर हैं 'फैज़'
अक्सर नज़्दिकियां इश्क़ को बदनाम कर देती है।
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29 MAR 2020 AT 12:22
वो पाबंद नही किसी कर्फ़्यू कि 'फैज़'
वो उसकी याद है जो रोज़ मिलने आती है।-