उसने कहा...
तुम 'बुद्ध' हो जाओ
क्या, तुममें साहस है??
हां...
मैंने कहा.. हां!
मध्यम, माध्यम तुम प्रतीक अवलोकन दे रहें
क्या, तुम वस्तुतः पूर्णरूपेण शुद्ध हो रहें??
मैं कहती हूं----
वर्ग ही मेरा मध्य हैं
तुम कदाचित् उच्च अलंकृत हो
सुनों,
तुम 'महावीर' होना, कठिन व दुर्लभ्य होना
हो सके तो 'दिगम्बर' भी हो जाना...
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