पुण्यतिथि विशेष : जब माता की मृत्यु के बाद नवजात सुमित्रानन्दन पन्त को भी मरा मान चुके थे परिजन
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"भारत कोई नया देश नहीं है। जिस भाषा से इसकी संस्कृति का विकास हुआ, वह संसार की सबसे प्राचीन भाषा है। जो ग्रंथ भारतीय समाज का आदिग्रंथ समझा जाता है, वही समग्र मानवता का भी प्राचीनतम ग्रंथ है। विदेशियों के द्वारा बार-बार पद-दलित होने पर भी भारत अपनी संस्कृति से मुख मोड़ने को तैयार नहीं हुआ।"
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"दुख रोने से कम नहीं होता,
कम होता है उसका कारण समझने से।
रात अँधेरे में हाथ पीटने से नहीं कटती,
रात कटती है दीया जलाने से।
यह तय है कि दीया जलाने से
सुबह के दर्शन नहीं हो जाते,
लेकिन एक ढाढ़स अवश्य बँधता है।"-
बन दीपक जल अँधेरे में, जो मुझें रौशनी देता था।।
एक फ़रिश्ता ऐसा मैंने, अपने वालिद के रूप में देखा था।।-
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित, विभिन्न साहित्य
विधा के हस्ताक्षर, उपन्यासकार,
नाटककार, चित्रकार,
महान शिक्षाविद्, दार्शनिक,
राष्ट्रगान के रचयिता, विश्वविख्यात
कवि श्री गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी की
पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि
एवं शत-शत नमन.....🙏💐-
जिस धागे की गांठे खुल सकती है
उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए
किसी व्यक्ति की कोई बात बुरी लगे तो
दो तरह से सोचे
यदि व्यक्ति महत्वपूर्ण है तो बात भूल जाएं
और बात महत्वपूर्ण है तो उस व्यक्ति को भूल जाएं
सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती है और
अच्छे विचार अच्छे लोगों के संपर्क से आते हैं।।
- स्वामी विवेकानंद-
नर नहीं नार था वह
हल्दीघाटी का श्रृंगार था वह
शूर नहीं बलिदानी शूरवीर था वह
मेवाड़ नहीं भारत की पहचान था वह
महलौ का ही नहीं जंगलों का राजा था वह
पड़ोस तो क्या मुगलों को हरा रखा था वह
कौन भूले गुणगान उनके हिंदुत्व की पहचान था वह !!
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