Sarika Saxena 12 AUG 2017 AT 10:33 तारे कुछ तोड़े थे कल रात फ़लक से,दिन आज का तो रौशन हो गया उनसे। कल के अंधेरों से फिर कल निबटना होगा। - Naman Kumar Mishra 10 MAY 2018 AT 8:24 तारीखों से वास्ता थोड़ा तोड़ दो ,कुछ तुम सुलझ जाओगे ,कुछ ग़म यूँ ही निबट जायेंगे ... -