वो ऊपर वाला हमारा सूत्रधार।
जिस मोड़ वो मोडे, हमें मुड़ जाना है,
जिस संग वो बांधे, हमें बंध जाना है।
ये जिंदगी एक रंगमंच है जनाब,
यहां रोज़ नए किरदार का आना जाना है।।
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कविता: किरदार
किसी को हँसाये, किसी को रुलाये,
कोई परेशाँ है, कोई हँसे तो कोई बिलखे,
कोई चुप, तो कोई चीखे,
उम्र के अलग-अलग पड़ावों में,
अभिनय मिले, नए नए किरदारों में,
ज़िन्दगी! ज़िन्दगी तू मक़बूल अदाकार है,
कि, क्या ख़ूब अदायगी है तेरी,
सबकुछ बिल्कुल मौलिक लगे,
और उस भगवान का निर्देशन तो देखो,
कि हम जग के लोगों को सांसारिक लगे।
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थिएटर में अँधेरे की हुक़ूमत
लाजमी लेकिन।
सभी रंगीनियां बस उजले पर्दे
पे उभरती हैं।।
😃 क्यों घबराना यार 😃
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रंगमंच, किरदारों का पहलू दिखाता है,
ज़िंदगी के किरदारों का भेद बताता है।-
Guy wishes to her crush "Happy World Theatre Day" on 27th March...
Crush:
लेकिन मेरा तो एक्टिंग या थिएटर फ़ील्ड से कोई लेना-देना नहीं...फ़िर मुझे क्यों विश कर रहे हो?
Guy:
इतने दिनों से मेरे में interested नहीं होने के बाद भी interested दिखने का जो नाटक करते आ रही हो; उसके लिए तो तुमको आज के दिन तुमको विश करना बनता है!-
रंगमंच के नाटक और किरदारों के चटक रंग,
तेरे नखरे नाटक-नौटंकी के सामने सब फीकें है।-