Mahima Jain ~ MJ   (♥ Mahima Jain ♥)
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Joined 5 May 2020


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Joined 5 May 2020
4 JUN 2022 AT 23:09

मैं उसके लिए मर जाऊँ, तो भी कुछ नहीं।
वो मुझे मार दे, तो भी मेरा सब कुछ।।

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21 JAN 2022 AT 21:00

याद आ जाऊँ मैं तुम्हें
तो उसे भूल समझकर ही
भूल जाना तुम मुझे।।

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31 DEC 2021 AT 21:44

अरसा बीत गया कुछ पल संग बिताए,
आ पास बैठ, चल थोड़ा बतियाएं,
कुछ तू कहे कुछ मैं कहूं,
आ एक दूजे को फिर एक दूजे से मिलाएं।


(पूर्ण कविता अनुशीर्षक में)




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31 DEC 2021 AT 21:18

नाम आते ही उसका, चेहरा चमक जाता है मेरा
मेरी रूह में बसता है वो, जीने का सहारा है मेरा
चाहत है मेरी सदा बनकर रहे वो मेरा ही सनम
मेरी शामों का सुकूँ, पहला पहला प्यार है मेरा।।

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27 OCT 2020 AT 1:52

I realised that
I can create
my own universe by myself

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21 OCT 2020 AT 1:37

*क्योंकि हम अब भी दोस्त है*

(यह कविता उन सब के लिए है
जो प्यार नहीं पर अब भी दोस्त है।)

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6 MAY 2020 AT 15:34

जब तुझे बुलाया था,
तुझे खुद से बहुत दूर पाया था।
तू मौजूद तो था मेरे साथ पर मेरे पास नहीं था,
जब तुझे आख़िरी बार गले से लगाया था।।

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31 DEC 2021 AT 21:28

After reading my meme entry for #mememay
Rest Zone Team be like :-










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31 DEC 2021 AT 21:06

अच्छे बदलाव की आशा।

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31 DEC 2021 AT 20:53

आने तो देते मुझे, आपकी हर बात का आदर मैं करती।
मैं चिड़िया आपके आंगन की, सदा पिंजरे में ही बंद रहती।

उड़ने भी गर देते मुझे, आपकी बताई हदों तक उड़ती।
मैं पंछी बिन पंखो की, बस अपने घोंसले में ही पलती।

ना गुड़िया मैं मांगती, ना प्यार आपका चाहती।
मैं मिट्टी की गुड़िया बन, खुद ही को लाड़ लड़ाती।

ख़बर न होती किसी को मेरी, कोई आहट भी ना करती।
मैं पुरानी कुर्सी सी घर की, एक कोने में अनदेखी सी पड़ी रहती।

दुनिया मेरी आपका घर होता, घर मेरा आपकी रसोई।
मैं गुलाम आपके शासन की, सदा अपना सर नीचे ही रखती।।






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