Balram Kashyap 21 MAR 2018 AT 17:15 छन्द शाखा के तरु पल्लव में लिपटी हुयी मेरी रचना! जीवन को संयोजित कर के लिखी मैंने एक कल्पना !हैं नहीं मुझे भाषा ज्ञान उत्तम,फिर भी अपना विचार व्यक्त मैं करता हूँ !प्रेरित हो जाए एक भी मनुष्य ऐसी कोशिश मैं करता हूँ ! - Shashi Girdhar 24 MAY 2018 AT 10:58 प्रेरणा हमारी रचना से मिले ज़रूरी तो नही हमे पढ़ के कोई बदल जाये उस की मजबूरी तो नही। मकसद हीन भाग रहे हैं हम सारे मंज़िल क्या है किसी को पता ही नही -