खो जाता हूँ.. जब भी तुम्हे,
अपने पास पाता हूँ।
एहसास हैं कुछ..जिनमे फ़ना हो जाता हूँ।
काले बाल जब लहराते हैं..
गोरे गाल जब शर्माते हैं..
फ़िर से ज़िंदा हो जाता हूँ।
खो जाता हूँ.. तुम्हारी आँखों में,
जब तुम्हारे लबों पर..अपना नाम पाता हूँ।
कैसे कह दूँ..हाल-ए-दिल,
मैं तो ख़ुद संगदिल हो जाता हूँ।
कहना चाहता हूँ.. ढ़ेर सारी बातें,
मगर मैं..बेज़ुबान हो जाता हूँ।
- साकेत गर्ग-
21 FEB 2017 AT 2:18
18 JUL 2020 AT 10:01
असली मोहब्बत तो सांवले रंग से ही है,,
गोरे तो आजादी से पहले भी बेवफ़ा थे..¡😜-
29 APR 2021 AT 21:41
गोरे गोरे हाथों में
लाल लाल मेहंदी लगाती हैं
हाय बड़ी कातिल लगती हैं
जब वो शर्माती हैं
हिमान्शु अग्रवाल-