' खामोशी '
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10 AUG 2020 AT 21:02
तुम्हारी खामोशी में
बातें होती हैं।
तुम्हारी बातों में
दर्द होता हैं।
लवप्रीत कौर 🕊💓-
28 MAR 2020 AT 22:14
कैसे कहूँ
मुझे कहना नहीं आता
इज़हार-ए-इश्क मुझे करना नहीं आता
हाँ पता है मुझे
कि लबों पर बात मेरे
आते आते रह जाएगी
आँखे ये मेरी तुमसे
कुछ कहते कहते रह जाएँगी
समझना होगा तुम्हें भी
मेरी खामोशी को
क्योंकि ये खामोशी की भाषा
पढ़ने का हुनर भी,
नहीं आता हर किसी को
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