सुबह में जिक्र बस तुम्हारा है
लगता है जैसे अब चाय भी आपके हाथ की चाहिए मुझे ।।-
19 AUG 2020 AT 9:52
16 MAY 2021 AT 8:57
ऐसा लगने लगा है,
ये दौर देखकर की.. अब मैं लौट ना पाऊंगा इस खुशियों भरे शहर में,दुःख ने बड़ा दाम लगाकर
खरीद लिया हैं शायद मुझे.....!!-
24 JAN 2021 AT 14:11
हसरतों में मागा तुम्हे
हर बार तुम्हारी ही मन्नत की है
हा साहेब हम मतलबी ही सही
पर हमने सिर्फ तुमसे मोहब्बत की है ।।-
2 JUN 2021 AT 20:58
ये कैसा दौर चल रहा है,
....मेरे इम्तिहान का जो मैं लिखने बैठा
तेरी-मेरी मोहब्बत की दासता के क़िस्से तो स्याही
ने बीच में ही दम तोड़ दिया अपना..!!-
21 MAR 2020 AT 15:35
अल्फ़ाज़ ज़्यादा से ज़्यादा दिल तोड़ सकते है ,
लेकिन खामोशी तो तबाह कर देती है ...-
17 NOV 2019 AT 23:23
27 APR 2020 AT 23:56
ना मुमकिन कुछ होता नहीं है......
बस मुमकिन करने का साहस होना चाहिए।-
10 DEC 2021 AT 1:10
तुम इश्क़ करो और दर्द न हो,
जैसे दिसंबर की रात हो और सर्द न हो...-