मिलो चाहो बातें करो,
बस याद रहे दिल मत दे बैठना...-
मरने से पहले जिंदगी को चुना जाए
क्यों न उसकी यादों के सहारे जिया जाए
उसने बेवफाई की है तो उसकी भी कोई मजबूरियां रही होंगी
यही सोच कर दिल को समझाया जाए।-
बिराँ गालियां सुनसान राहें मन में हलचल
गुमनाम ए सफ़र थकी हुई ज़िंदगी
हर पल एक नया इम्तिहान,
हर घड़ी एक नया दर्द
जीने की चाह में जी रहे हैं,
मरने का डर
साँसों की धुन में समाया हुआ एक अनजाना सा
दर्द का सिलसिला जो थमता नहीं,
बिराँ गली सुनसान राहें मन में हलचल
गुमनाम ए सफ़र थकी हुई ज़िंदगी,
कोई नहीं है साथ में जो बाँट सके मेरा दर्द
कोई नहीं है जो सुन सके मेरी पुकार
बस ये सुनसान राहें और मेरी थकी हुई ज़िंदगी,
बिराँ गली सुनसान राहें मन में हलचल
गुमनाम ए सफ़र थकी हुई ज़िंदगी।-
ये दुआ, ये दवा, ये किफायतें मौलवी ये दुनियां की रिवाज़,
ये तुम करते ही व्यर्थ हो ,जिन्हें एक बार तन्हाइयां पकड़ लें,
वो जिंदा ही नहीं हैं....-
जो थी बंद कली कभी अब वो खिल गई है
पंखुड़ियों को न संभाल पाई तो उसमें उसकी क्या खता-
किसी के मोहब्बत का ठुकराया हुआ हूं,
ये उम्र तो सिगरेट पीने की न थी...-
हम तो आंसुओं के भीगे हुए लोग,
ये बारिश का पानी क्या ही भिगोएगा-