एक अरसा हो गया हैं मुकम्मल आज
कैसे बया करूँ मैं अपने लफ़्ज़ों से तेरी
सादगी का बखान इतनी हिम्मत अब
मुझमें कहा, आ तू भी साथ दे………
आ तू भी तो साथ दे ……॥-
गिला शिखवों की तोहमतें लगी थी हमपे..
की तुमने निहारा कियुं नहीं हमको..,,
कम्बख्त इस वाक़िये से...
तुम वाकिफ थे हम तो नहीं..!!
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दोस्त और दोस्ताना की दासता को देखा है,"मैंने"
फ़िल्मों और फ़िल्मी सितारों में,
सुने_ अनसुने किस्सों में.......!
एक शख्स के वकिये ने हृदय को तार_तार कर
दिया और देखते ही देखते वह विभत्स रस के
उद्दीपन में बदल गया "मेरे" प्रति और कम्बख़्त "मैंने"
अभी तक उसके प्रति श्रृंगार रस के स्थायी भाव को
अपने हदय में अंकुरित रखा.......!!-
एक बार फिर जखडा हैं भेद की बेड़ियों में,
और डाल दिया अदृश्य सलाखों के पेहरे में,
एक दफ़्फ़ा नहीं, दो दफ़्फ़ा भी नहीं ऐसा हुआ है
कई दफ़्फ़ा.....,
करूणा भरी मनोव्यथा मेरी नि:सन्धेय उस ईश्वर
तक पहुँची तो होंगी, पर उस भेदी वज्र हृदय वाले तक
कैसे पहुँचती....,
.....हर बार की तरह मेरी आशा के आगे नि (निराशा) आ गया...!!-
आज से कल तक का सफ़र
बेहद कठिन है, कोई अपनों में
तो कोई अपनेपन मे....!!-
....कैसे बया करु मैं अपने लफ्जों से
....आपके जन्मदिन की तारीफों को
आपको तो उस उपरवाले ने भी तारीफ़-ए-काबिल
ही बनाया है,अब आप ही हमें बताए कि उपरवाले
से ऊपर हमें कैसे......
_-_-_-_-_-_ जन्मदिन की असीम बधाईयाँ
Happy birthday🎂🎂
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कैसे जाहिर करूँ मैं,
मैं अपनी हृदय के भीतर की आकांक्षाओं को
जो तुम्हे "तुम" कहने नहीं देती,
..... मुझे "मैं" कहने नहीं देती,
ये तो 'तुम' और 'मैं' को "हम" कहना चाहती हैं
तुम तो मृगतृष्णा बन गई हो,
____ऐसा प्रतीत होता है जैसे तुम आगे_आगे और मैं पीछे_पीछे~~
अब तुम ही बताओ की मैं अपने इस हृदय की आकांक्षाओं रूपी इस विशाल उफनते हुए सागर को
कैसे शांत करूँ_-_-_!!
कैसे शांत करूँ_-_-_!!!-
अपने दिल का आलम किसी से साझा करें.....
तो ध्यान रखें...!!
....क्योंकि यह धोखेबाजों का जमाना तो हैं ही,
.....साथ ही साथ रिकॉडिंग और स्क्रीनशॉर्ट का भी जमाना हैं....!!-
मैंने सोचा की एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को
या प्रेमिका अपने प्रेमी को छोड़ने पर
एक्तियार् करते हैं......
_-_-_-_कि उसके बिना जिया नही जायेगा मर जायेंगे
...... पर ऐसा कुछ नहीं होता क्युंकि इसका उदाहरण हम भी हैं......!!-
जो तेरे संग गुजारे थे चंद लम्हे,
अब उन्ह लम्हों की यादे शेष रह
गई है मात्र..........
जैसे-तैसे करके मै दिन तो काट लेता हूं,
पर कमबख्त ये राते नहीं कटती.........!!-