QUOTES ON #काव्यप्रेमी

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23 JUN 2021 AT 13:05

हमारा जीवन पूरी तरह से सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओ से भर चुका है, लेकीन इन भावनाओ में एक विभवांतर होना चाहिए। जिसे हम अंग्रेजी में potential difference कहते है और इस विभवांतर को गिनने के लिए एक voltmeter होना भी जरुरी है। इसी प्रकार से हमारे जीवन का voltmeter अपनी हँसी और खुशी है। इसलिए सभी नकारात्मक भाव छोडकर हमेशा हँसते रहना यही हमारी जिंदगी है।
-विराज पुकळे

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2 JAN 2022 AT 11:24

अज्ञानता के अंधकार को त्यागो
एक अच्छा इंसान बनो,
जात पात बेबुनियाद बातो का
खत्म किस्सा तमाम करो
कभी तुम ब्राम्हण बनते हो बड़ा इठलाते हो
कभी क्षत्रियों के किस्से कहानियां सुनाते हो
क्या तुमने कभी वैश्य के गाथा को जाना है
क्या तुमने कभी शूद्रों के कृत्यों को सराहा है।
भेदभाव पर तुम कुठाराघात करो
एक अच्छा इंसान बनो।
नारियों के सम्मान के प्रति क्या तुम्हारा कोई कर्तव्य नहीं
निर्धन असहाय जन के प्रति क्या तुम्हारा कोई फर्ज नहीं
अपने समाज के मूल्यों का तुम्हे तनिक एहसास नही,
मानव हो किंतु मानवीय भावनाएं तुम्हारे पास नही,
अमानवीय मूल्यों का त्याग करो
एक अच्छा इंसान बनो।
भूखों की भूख मिटाने का तुम्हे ध्यान नहीं,
अंधों को राह दिखाने की तुमको ज्ञान नहीं,
क्षमताएं हैं अपार किंतु तुन्हें उनका एहसास नही
पत्थर भी पिघला दो तुम किंतु तुम्हे आभास नहीं
स्वयं का एक स्वर्णिम इतिहास रचों,
एक अच्छा इंसान बनो।
इतिहास में जाने कितने बलवान हुए,
शक्तिशाली प्रतिभावान और धनवान हुए,
शक्ति की उनकी पराकाष्ठा भी तब झुक जाती है,
जब किसी की सजनता उनके समक्ष टिक जाती है,
वैमनस्य और ईर्ष्या पर तुम आघात करो,
एक अच्छा इंसान बनो।




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"वक्त का अगम मौन"
(कवि: विश्वजीत)

वक्त के मौन से तुम इतने अंजान थे,
कि तुम्हें किनारों की अगमता का ज़रा
भी एहसास नहीं हुआ, और तुम
यह कह रहे हो कि मैंने वक्त
को जिया भी है और देखा भी है!

सोच अधीर, सोच अधीर,
चला तू मन के तीर,
चला तू मन के तीर —
सोच!

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18 NOV 2022 AT 22:02

"We can't 'IMAGINE' our further life,
But We can 'FEEL' & 'FILL' today's life"


- Viraj Pukale

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10 FEB 2022 AT 11:39

एक लडकी अपने पिताजी से एक सवाल पुछती है की, "पापा, जब भी मै कुछ अच्छा करना चाहती हूँ, तो लोग मुझे कहते है की, "तू लडकी है, तू कुछ नही कर सकती"
अब आप ही बताओ, "अगर कोई इंसान अपनी जिंदगी मे कुछ भी नही कर सकता , तो भगवान ने यह जिंदगी उसे दिई क्यों?
तब उसके पिताजी ने उसे जवाब दिया," बेटा, यह दुनिया पराई है, तेरे लिए भी और मेरे लिए भी। पिछे रहो, तो ताना मारती है और आगे जाओगे तो पिछे खिचती है| तो लोग क्या कहेंगे? क्या सोचेंगे? इसके बारे मे मत सोच| भगवान किसी भी इंसान को ऐसे ही नही जिंदगी देता, उसके पिछे एक कारण होता है, एक लक्ष्य होता है| उसे यह पता है की, अगर मैने इस इंसान को एक नई जिंदगी दिई तो यह जरूर अपना लक्ष्य प्राप्त करेगा, क्योंकी इसमे उस प्रकार की काबिलियत है..| तो इसलिए अपनी काबिलियत पहचान, उसके उपर मेहनत कर..| दुनिया तुझे 100 साल के लिए नही हजार साल के लिए याद रखेगी...|

-विराज पुकळे

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9 SEP 2021 AT 22:05

कितनी देर तक सडते रहोगे इस दुनिया की सलाखों के पीछे,
जहाँ परींदे आसमान में उडतें है तो दरींदे जमीन पर खुले आम घुमतें रहते है।

कितनी देर तक भागतें रहोगे इन अंगारों से,
अरे अपनी मंजिल तक पहुंँचना है तो पहले अंगारो पें चलना सिख,
तू मंजिल के पास नही, मंजिले खुद तेरे कदमों मे आकर झुकेगी।

- विराज पुकळे(रफ्तार)

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28 AUG 2021 AT 21:36

इस कोरोना महामारी में ''हमेशा positive रहो'' ऐसे बोलने वाला इन्सान भी negative शब्द सुनते ही उछल पडता है।
😅😆🤣

-विराज पुकळे

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18 AUG 2021 AT 22:53

आपल्या आयुष्यात असे काही विचार किंवा गोष्टी असतात, ज्या आपण कुणासमोरही व्यक्त करु शकत नाही मग त्या चांगल्या असो किंवा वाईट. म्हणून तुम्हाला मी एक गोष्ट सांगतो, ' विचार आले तर येऊद्यात पण त्यावर एवढाही विचार करु नका की ते मनातच कुजून जातील कारण गोष्टी कुजल्या तर त्या सडून जातात,समजलंच असेल तुम्हाला '

- विराज पुकळे (astrovir)

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