"बिखरा हूं टूट कर ना कोई आस बची है,
जीने की वज़ह अब ना कोई खास बची है,
मुंतज़िर हूं कि देख लू तुझे एक और मर्तबा,
सीने में कैद आखिरी कुछ सांस बची है।"-
खूब तो नहीं पर खुबसूरत है
संगदिल पत्थर की मूरत है
लाख खामियों के बावजूद
मुझको भाती सिर्फ वही लड़की है-
मेहंदी लगा के, बिंदिया लगा के
बैठी थी उनके नाम की
अंग-अंग में गीत सजा के
बैठी थी हर उस शाम की
मस्त मग्न सी, हंसती हुई
ताक में थी बारात की
गाड़ी अाई ना घोड़ी अाई
अाई बस खत जनाब की
मजबुर हूं कहते है वो
हांमी नहीं परिवार की
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खालिश
एक खलिश सी अब भी मेरे दिल में है
क्यू मुझसे दूर हो कर भी तू अब भी मेरे दिल में है
बात बस इतनी सी है,
अब तू इससे अंजान है, और मेरे अरमान तुझसे अब भी है
क्यू एक खलिश सी अब भी मेरे दिल में है
क्या कुछ ताल्लुक तेरे मेरे बीच अब भी है
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जाने कौन तकता है
राह इसकी,
सूरज को ज़रूरी है
शाम ढलने के पहले
लौट जाना!-
बिन बताए ही आते तो अच्छा था,
आने का दिन बता कर इंतज़ार लंबा करा दिया।-
एक गुलाब ने ऐसा महकाया,
इंतेज़ार में सारी रात जगाया...
खुद तो हकीकत में ना आया,
हमें अपने ख्वाबों में बुलाया !!-
"न जाने किसकी तलाश थी उन्हें,
जिनसे हम दिल लगाए बैठे है,
छोड़ दिया उसने साथ हमारा,
जिसके इंतज़ार में आज भी,
आंखे नम किए हम बैठे है..."!!-
मन हार चुका है
बस मानने को तैयार नहीं
बस अब तो मौत का इंतेज़ार है
😭😭😭-
देर रात उठने का एक ही फायदा हैं,
फोन चार्ज पर लगा कर सो जाओ,
सुबह बैटरी फूल मिलेगी...!-