अर्धमाधुर्य
भाग - 01 : बारिश
"श्लोक और कशिश बचपन से साथ पढ़ते हैं। जब ठीक से बोलना भी नहीं सीखे थे, तब से एक दूसरे के दोस्त हैं। अब तो एक-दूसरे के बिना जीने की कल्पना मात्र ही दोनों को कठिन जान पड़ती है।"
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अर्धमाधुर्य
भाग - 03 : टपरी
"श्लोक ने धीरे से अपनी उंगलियों में उसकी ज़ुल्फें इकट्ठा की और बड़े नाज़ों से जब उनको कशिश केे कान के पीछे करीने से रख रहा था, तभी उसकी उंगलियाँ हल्के से कशिश के गाल को छू गयी।"
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अर्धमाधुर्य
भाग - 02 : छतरी
"पता भी है, एक घंटे से अकेले बैठी हुई थी मैं...तुझे तो कोई चिंता है नहीं मेरी, हमेेशा ऐसे ही करता है...अब भी देख लो पता नहीं कौन सी दुनिया में खोया हुआ है। ओए! बोल तो ले अब कुछ।"
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अर्धमाधुर्य
भाग - 04 : प्रियतमा
"तूने फिर से देर कर दी ना आज, पागल लड़के"
"प्रियतमा, आपकी खातिर पेश-ए-खिदमत है ये आइस क्रीम", श्लोक ने अपना सर झुका कर आइस क्रीम आगे करते हुए कहा।"
"क्या...हा हा.." कशिश जोर से हंंसने लगी।
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अर्धमाधुर्य
भाग - 06 : रजाई
" नहीं यार, वो क्या है कि तू सोया था ना तो तेरी खुशबू इस रजाई से आ रही थी, तेरे जाने के बाद भी...पता है मैं तुझे महसूस करके सोई थी उस रात, लगा कि तू है यहाँ...तुझे ही हग कर रही हूँ जैसे। "
" तुझे पता है तू ये सब बातें बताकर मेरा जाना और भी मुश्किल बना रही हैं। "
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अर्धमाधुर्य
भाग - 05 : बीयर हग
" मेरी तरफ देख कशिश.. अगर तू होती मेरी जगह जैसे की तेरा टैलेंट है फ़ैशन डिज़ाइनिंग और लिखना.. सोच क्या मैं तुझे रोकता !? "
" मैं खुश हूँ बोहोत, तुझे हमेशा से यही चाहिये था ना, लेकिन बस मैं तुझे याद करने लगी हूँ अभी से... आंखों में भर लेना चाहती हूँ तुझे। तू मुझे भूल गया तो" प्यारी सी आवाज़ में कशिश ने कहा।
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अर्धमाधुर्य
भाग - 07 : सैंडविच
" चुप " कशिश ने अपना प्यारा वाला बीयर हग किया।
" अब मैं रोना नहीं चाहती, तुझे प्यार से जाने दे रही हूँ। और यहाँ से तू जाएगा एयरपोर्ट और मैं अपने घर। क्योंकि मैं तुझे जाते हुए नहीं देख पाऊंगी यार। ये ले तेरे लिए कुछ चीजें लायी हूँ। याद आए तो देख लेना।"
" चुप, बस ऐसे ही रह ना... जाने की बात ना कर..." धीरे से वो और करीब आने लगा।
(अनुशीर्षक में पढ़े )-
Arshi was wandering in the park near her place. She was surrounded by beautiful flowers. She took her phone out and started clicking selfies.
Out of nowhere, Harsh came with a sunflower and sat down on his knees in front of her. She was startled. "Are you insane? Stop giving me heart attacks, dude."
"Miss Arshi, will you be my Valentine?" Harsh proposed in an endearing fashion. Arshi accepted the flower. "Stand up first," she said, "what's up with you and sitting on your knees? Can't you talk plainly?"
"Hey, don't be such a killjoy," he said getting up. "Now tell me, will you be my Valentine?"
"What would it suggest if I say yes?"
"It means that I am asking you, the person I love the most, for being loved by you forever."
"Umm...," Arshi thought for a while, "no," she replied. "What!" Harsh was disheartened. He did not anticipate this.
"I can't promise to love you forever. But at this very moment, I know for a fact that I love you." Arshi said taking a step towards Harsh and holding his chin with her hand, she pecked on his cheek.-
अर्धमाधुर्य
भाग -08 : डायरी
" अरे प्लीज तू रोना मत बोहोत बुरा दिखता है.. "
" चुप रह ना, तू बोहोत बुरी है यार। पहले क्यूँ नहीं मिली? हाँ दोस्ती में तो सारा वक़्त बिताया, लेकिन अपने प्यार को उतना टाइम क्यूँ नहीं मिला यार। "
" अबे ! मैं कौनसा नयी आयी हूँ.. हमेशा से तो थी। तुझे प्यार लेट हुआ उसका मैं क्या करूँ अब ? "
(अनुशीर्षक में पढ़ें )-
अर्धमाधुर्य
भाग 17 : नया मोड़
श्लोक ने लालेह का हाथ थामा हुआ था और दूसरा हाथ उसकी कमर पर था जो लालेह को सम्भाले हुए था। लालेह का हाथ श्लोक के बालों से खेल रहा था। दोनो इस कोशिश में लगे थे कि किसी तरह और करीब आ सके, अगर यह मुमकिन भी था तो!
( अनुशीर्षक में पढें )-