इंसान जब पैदा होता है, वह केवल एक भाव जानता है ― प्रेम।
ज्यों-ज्यों वह बड़ा होता है, वह जीवन की अनेकों महत्वपूर्ण बातें सीखता है लेकिन इन्ही सब के मध्य प्रेम-भाव कहीं धूमिल सा पड़ जाता है।
धीरे-धीरे बढ़ती उम्र के साथ इंसान जीवन की सारी महत्वपूर्ण बातें भूलता जाता है और जिस दिन शेष रह जाता है केवल प्रेम, उस दिन इंसान बूढ़ा हो जाता है।
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