अगर तुम भी नहीं हमसे
तो फिर हम भी नहीं तुमसे
कोई खुशियां नहीं तुमसे
कोई गम भी नहीं तुमसे
हुनर से अपने कद को खुद
बढ़ाना जानते हैं हम
ज्यादा तो नहीं तुमसे मगर
कम भी नहीं तुमसे-
अगर तुम जो नहीं हमसे, तो अब हम भी नहीं तुमसे ।
कोई खुशियां नहीं तुमसे, कोई ग़म भी नहीं तुमसे ।।
हुनर से कद को अपने खुद, बढ़ाना जानते है हम।
ज्यादा तो नहीं तुमसे, मगर कम भी नहीं तुमसे ।।-
जहाँ पर सच, दया, सम्मान और ईमान रहता है,
वहीं जाकर वो अल्लाह और वो भगवान रहता है,
अगर तूने निकाला है किसी के पाँव का काँटा,
तो ये तय है तेरे दिल में कोई इंसान रहता है...
#अनामिका_अम्बर-
पुण्य समझकर जिस-जिस ने भी,
पापों पर विश्वास किया
वरदानों की हत्या करके,
श्रापों पर विश्वास किया,
दूध पिलाया बीन सुनाई,
फिर भी अम्बर बदले में
दंश मिले हैं उसको जिसने,
सांपों पर विश्वास किया
#अनामिका अम्बर-
माना
मेरा दर्द से रिश्ता ये गहरा है,
पर तेरा वजूद ही जैसे
रोम रोम एक मरहम से भरा है🌹-
मोहब्बत के सफ़र को एक हँसी आग़ाज़ दे देना,
मेरा कल मुस्कुरा उठे तुम ऐसा आज दे देना,
वफ़ाएँ देख लेना तुम तुम्हारी प्यार की ख़ातिर,
चला आऊँगा मैं सब छोड़ कर आवाज़ दे देना!-
घोर कालिमा अंधे तम ने बांटी है
पीर हृदय को हरदम गम ने बांटी है
वो भी हमको शूल सौंप कर चले गए
जिन लोगों को खुशबू हम ने बांटी है।
#अनामिका_अम्बर-
लिखें कुछ भी वो मेरे नाम की तहरीर बनती है,
कि उनकी बद्दुआओं से मेरी तक़दीर बनती है,
यहाँ पर कुछ बशर जलते हैं मेरे नाम से ऐसे,
धुआँ दिल से जो निकले तो मेरी तस्वीर बनती है...
#अनामिका_अम्बर-
साथ अगर हों अपने तो ताईद बड़ी हो जाती है,
मन की आँखें मिल जाएँ तो दीद बड़ी हो जाती है,
एक हार से दिल का हरइक दीपक बुझने लगता है,
एक जीत से अम्बर हर उम्मीद बड़ी हो जाती है।
#अनामिका_अम्बर-
समाहित प्रेम हो जाए कहाँ फिर बैर उठते हैं
जहाँ हों रास्ते तेरे वहीं पर पैर उठते हैं ,
ये सच्चाई की ताक़त है, हो गहराई भले कितनी
लिखा हो राम का जो नाम तो पत्थर तैर उठते हैं...
#अनामिका_अम्बर
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