"माँ" के लिए क्या लिखूं उसके बारे में क्या बताऊँ,
शायद वो अल्फाज ही नहीं जिनमें उसकी छवि दिखा पाऊं।
वो माँ लिखूं जो मेरी खुशियों को मुझसे ज्यादा चाहती है
वो माँ लिखूं जो मुझे डाँटकर खुद खाना नही खाती है
वो माँ लिखूं जो मेरे हर सुख दुख की साथी है
वो माँ लिखूं जो मुझे पापा कि परछाई बताती है
वो माँ लिखूं जो चलने से लेकर जिंदगी जीना सिखाती है
वो माँ लिखूं जो जमीं पर खुदा बनकर आती है !!
"माँ" के लिए क्या लिखूं उसके कितने किस्से सुनाऊँ,
शायद वो अल्फाज ही नहीं जिनमें उसका प्यार जता पाउं।
वो दिन लिखूं जब वो मेरे दुख में मेरे साथ रोई
वो रात लिखूं जब वो मेरे लिए एक पल ना सोई
वो साथ लिखूं जो मुझ पर रहता बनकर साया है
वो हाथ लिखूं जिनकी लकीरों में मैंने अपना नसीब पाया है
वो मुस्कान लिखूं जो मेरी हँसी से मुस्कुराती है
वो भगवान लिखूं जो जमीं पर "माँ" बनकर आती है !!
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याद रखिए जनाव !!!
"कोई किसी का साथ नहीं देता ,
अगर कोई देता हैं तो वह आप हैं जो अपने आप का साथ देते हैं वरना बाकी सब तो अपने मतलब के लिए साथ देते हैं"।-
"काम हो जाने पर कोई किसी का नहीं होता जनाव,
अरे! बारिश बंद हो जाने पर तो छाता भी बोझ लगने लगता हैं"।-
दुनिया में कोई किसी के काम नहीं आएगा,
केवल आपका अपना शिक्षा और पैसे काम मे आएगा वरना बाकी सब तो केवल सांत्वना देने ही आएगे।-
जहां हमारी बातों का "मान" नहीं,
हम वहां अपनी "बात" रखते नहीं,
और जहां हमारी "इज्जत" नही,
वहां हम "रुकते" नहीं।-
Kaam ke liye kbhi rishton ki buniyaad nhi hoti,
Kuch to fark hota h vypaar aur pyar mein...-
We May Fight And we May Cry..
But Our Friendship Will Never Die..
I'll Care For you Until The End..
Because You'll Always be my Very Best Friend...-
Heart was trembling with fright,
Oh love! Don't leave me, it was just a useless fight!-
Swiping on app right right,
Waiting for connection all night night,-
Then I hug the pillow tight tight,
Because Mislaiding you made me more downcast.-