हर कदम पर खुद को परख
मंजिल एक दिन तेरे सामने होगी
तू संभल कर चल और दिल साफ रख-
"कुछ बातों का कुछ अहसासों का,कहीं गुम एक दरिया है
बाहा दू... read more
अजीब है इस मौसम की अदाएं भी
टपकती बूंदों के साथ है सर्द हवाएं भी
कहीं महकी है मिट्टी तो कहीं कहर बरसाएगी
कहीं हाथों पर बर्फ के गोले तो कहीं बदन जमाएगी
सर ढकने को छत नही तन - बदन काँपता सा
इससे ज्यादा और क्या होगी गरीबी कि गवाही भी
किनारे सड़क के मिले कोई ठिठुरता सा शख्श
देकर चादर कर देना उसके मर्ज कि दवाई भी
ये लाचारी,मजबूरियां इतनी तड़प देखकर
आज रो पड़ी है मेरी कलम कि स्याही भी-
परम पिता परमात्मा है
कृष्ण मेरा सहारा है
इस अंधेरी सी जिंदगी का
कृष्ण ही उजियारा है
कृष्ण मेरे साथ है
कृष्ण ने थामा हाथ है
कृष्ण की ही कृपा से
बनती हर बात है
कृष्ण मेरे पास है
कृष्ण मेरे साथ है-
बेवजह मुस्कुराया कर
अपने गमों को
नई खुशियों से सजाया कर
दिल कि बातें
अपनी कलम से जताया कर
क्यों हर पल
मुड़ता है दूसरों कि तरफ
कुछ वक़्त
खुद के साथ भी बिताया कर-
बात छोटी है मगर गहराई है ना ,
हँसे कितना भी पर खुशियाँ मुरझाई है ना
जिंदा तो है मगर जी नही रहा ,
उसके अंदर गहरी खाई है ना
ना है उसकी बात और ना उसका साथ ,
पर याद भी ना करूँ ये तो रुसवाई है ना
बनने को बारिश सौंप देता है खुद को बादल की गोद में,
लहरों से दूर रहकर उसने कुछ कीमत तो चुकाई है ना
जरा रुक ऐ हवा ये तो बताती जा ,
मुझे छूने से पहले तू उसे छूकर तो आई है ना-
पर खुद की खुशी का ख्याल रखना,
दुनिया के लिये या अपने लिये जिऊँ
खुद से हमेशा ये एक सवाल रखना।-
लिखना है बहुत कुछ पर समझ ना आये क्या लिखूं,
मिल जाये ऐसे अल्फाज जिनमें पूरी बात लिखूं !
मीठी यादों से शुरू दिन की शुरुआत लिखूं,
किस्सों से भरी वो पूरी - पूरी रात लिखूं !
दब चुके है कहीं वो सारे जज्बात लिखूं,
खूबसूरत लम्हों का तेरा मेरा साथ लिखूं !
तेरे बिन जिंदगी के सारे वो हालात लिखूं,
आँशु बनकर बह गई वो सारी बरसात लिखूं !
तू मिलने आया ख्वाबों में वो सौगात लिखूं,
हम साथ भीगे बारिश वाली मुलाकात लिखूं !
जो नजर ना आई किसी को वो जकात लिखूं,
जो अधूरी सी लगती है तेरे बिन वो हयात लिखूं !
-
जब मुझे तेरी याद सताती थी,
मैं छत पर टहलने चली जाती थी
उन यादों की सजा का एक था मजा,
उनमें खोकर मैं खुद को भूल जाती थी
आसमाँ को देखती थी चाँद के बहाने,
कुछ इस तरह आँखों कि नमी छुपाती थी ।-
सारे गिले शिकवे सारे दर्द मिटाकर,
फिर से गले लगाऊ तुझे अपना बनाकर...!-
कई बार दिल टूटने की वजह
कुछ बेवफाओं से मुलाकात हो जाती है
कभी मिलती नही इश्क को मंजिले
जिसकी वजह जात-पात हो जाती है..!-