ಮಧುಪಾನದ ನಶೆಯಲ್ಲಿ ನೀನವರಿಗೆ
ಭೋಗದ ವಸ್ತುವಾದೆ ಸಾಕಿ....
ನಿನ್ನೊಡಲ ನೋವಿನ ನಶೆಯನ್ನು
ನೀನೊಬ್ಬಳೆ ಭೋಗಿಸಿಕೊಂಡೆ ಸಾಕಿ....-
इश्क वो नहीं जो पास होने पर होता है,
इश्क वो है जो दूर जाने पर रोता है ,
इश्क में जुबा नहीं होती सिर्फ दिल धड़कता है,
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मिल लो हमसे जीते - जी, जी भर के,
तुम्हारी कब्र पर ताजमहल तो नहीं बनेगा l-
तुझे भूले तो कैसे भूले ए जाने तमन्ना,
तुम खाली दिल में छपे सबसे जरूरी इस्तीहार हो गए l
मांगी थी तुम्हारी खबर एक बंद लिफाफे में,
कहानियां सुना सुना कर तुम हिंदी अखबार हो गए l
रात काटनी थी हमे तुम्हें किसी शरद चाँद पे,
मझधार में छोड़ मुझे क्यूँ सबके पतवार हो गए l
तुमने खायी थी ना जाने कितने कसमें दीनानाथ की,
फिर काल मे राहू और दिन से कैसे इतवार हो गए l
चलायी थी कैंची ना जाने कितने अरमानों पे मेरे,
तुमसे सुई सी उम्मीद मेरी और तुम तलवार हो गए l
देख लेता हूँ तुम्हारी नयी पुरानी तस्वीर चुपके चुपके,
सुना है अब तुम स्थायी नेता के रिश्तेदार हो गए l
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भीड़ बहुत है इस शहर मे पर हर कोई तन्हाई लिये चल रहा है l
कौन तन्हा है यहाँ जमाने मे हर कोई अपनी परछाईं संग लिए चल रहा है l-
कोई सूरज के अर्घ्य मे हैं कोई चाँद की सुन्नत में,
जो बचे हुए वो लड़ रहे हैं गुजर गए वो जन्नत में।-
उछाल के देखा आज एक सिक्का हमने भी मुकद्दर का,
भीड़ इकट्ठा हो ही गयी आसमाँ देखने के लिये l-
एक बार फिर से मिलने का इरादा कर के तो देखो,
हम भी है अब तक जवां है,जरा एक बार ठहर के देखो l
मुझसे मिल के मुझ मे ही समा जाओ,
जरा मेरी बाँहो के आगोश में आ के तो देखो l
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उस एक के कानों तक l
वैसे शहर में मशहूर है
उम्दा प्रवक्ता के नाम से l-