मुझे हर दर्द का हिसाब दे दो ना,
खुद को बेवाफाई का खिताब दे दो ना!!
यूँ ही दूरियाँ कब तक रहेगी,
मेरे हर एक सवाल का जवाब दे दो ना!!
मेरी गलतियों को नज़रअंदाज़ कर,
मेरी आंखो की नमी का हिसाब दे दो ना!!
हजारों की इस भीड़ से निकलकर,
मेरी ज़िन्दगी को फिर से बहार दे दो ना!!
कदम लड़खड़ा रहे हैं अकेले राहों पर,
महज़ दो पल ज़िन्दगी का साथ दे दो ना!!
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