दुआ भी देती है,
नजर भी उतारती है।
कितनी फिक्र करती है,
मेरी "माँ" तो मुझपे मरती है।-
कि अभी पलक सुखी ना थी ,
कमबख्त दुःख की बारिश फिर हो गई।
कि जब अपनो का छाता मिला ही था ,
की गरीबी की हवा उससे भी उड़ा ले गई ।-
देख उसे यूँ नयनों से , जीवन नव तरूणाई है ।
प्यार के नए सुर सजे , संगीतमय जीवन लायी है ।
पहली नज़रों से जब देखा , बादल घुमड़ अकेला है ।
धरती की पावन प्यासी को , बारिश बनकर खेला है ।
तीर तीर निर्मल तटिनी के , अविरल बहता पानी है
चंदा चकोर की टकटकी , बस यही मेरी कहानी है ।
महक रही थी खूशबू बनकर , चाहत के इस उपवन में
अहिल्या वर मांग रही , जैसे राम के तपवन में ।
रोम रोम शीतल तन्मय, बिंदी विशाल हिमालय है
हाथ मे कंगन ख़नक रहे ,मन पावन देवालय है ।
नयनों में सतरंगी आभा , कोयल उसकी वाणी है ।
सुर को मेरी तान मिले , बस यही मेरी कहानी है ।-
I write the
love stories
I cannot have,
for myself
hoping, that
my characters,
at least, can
drink to
each other,
feeding on faith,
to vicariously
nourish me-
कौन कहता है कि धरती आसमां एक नहीं हो सकते,
हवाएँ इन्हें जोड़ने का जरिया होतीं हैं।
इतिहास गवाह है जहाँ धरती रही है,
वहां आसमां जरूर रहा है।
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Kind words are
always beautiful,
then whether they
are written, spoken
or unspoken...! 💖
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तूम्हे बताने से डर लगता है
कि कितना चाहता हु तूझे,
डर लगता कि कहीं तू रुठ कर चली ना जाये।
तेरा मुस्कुराना,तेरा बोलना
तेरी शरारते सब अच्छा लगता
कभी-कभी तुम्हारा शांत बैठना,
तुम्हारा ग़ुस्सा, अच्छा लगता है।
किसी बहाने से तुम्हें बोलने की कोशिस करना
तुम्हारे पास बैठना अच्छा लगता है
लेकिन तूम्हे बताने से डर लगता हैं।
कभी कभी लगता है तुम्हारा सबकुछ जानते हुए
अनजान बनने की वो कला
अच्छी लगती है।
ज्यादा मत सोच ये कौन है,कहाँ है
ये तू ही है बस बताने से डर लगता है
क्योंकि हैसियत नही है अभी मेरी तूझे पाने की
वैसे तो कोई खराबी नही है मुझ में
लेकिन कुछ खुशियां देना चाहता हु तूझे
क्योकि तेरी जिंदगी बर्बाद करने का मुझे हक़ नही है।
तूझे हमेशा के लिए अपना बनाने का मन बहुत है
लेकिन अभी इस में वक़्त बहुत है
ओर तेरे पास शायद वक़्त नही है
तूझे हमेशा चाहता रहूंगा
फिर चाहें तू मेरी हो या ना हो
इंतज़ार करुगा जीवन के अंत तक
कितना चाहता हूँ शायद लिख कर बता नहीं सकता
ज्यादा मत सोच कोंन है,कैसी दिखती है
ये तू ही है,
बस तूम्हे बताने से डर लगता है
कि कितना चाहता हु तूझे,
डर लगता कि कहीं तू रुठ कर चली ना जाये।written by someone special ....for ....☺😊-
लिखने का शौक था मुझे पर पता नहीं चला की कब ये ज़रूरत बन गया.... ❤️❤️❤️
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