क्या तेरे शहर का रास्ता घर तक नहीं आता,
मां ने मुस्कुरा के पूछा बेटा घर नहीं आता।
दिन गुजार देती हूं, पड़ोसियों से बात कर के,
रात गुजरती नहीं अकेले , आंखों में कोई ख़्वाब नहीं आता।
तेरी भेजी हुई साड़ी बहुत पसंद आई मुझे,
वाह क्या लग रही हो मां, तू कहने नहीं आता।
तेरी याद में ये दिल का दर्द बहुत बढ़ गया है,
दवा खा रही हूं कब से मगर ये दर्द नहीं जाता।।
तू कब आएगा बस एक खत लिख दे,
ये डाकिया अब मेरे घर नहीं आता।।
क्या तेरे शहर का रास्ता घर तक नहीं आता,
मां ने मुस्कुरा के पूछा बेटा घर नहीं आता।
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