शिकायतें तुझसे नहीं तो किससे करूं बता?
दिल का हाल लिखूं या गुमसुम रहूं बता।
तू इतनी दूर बैठी , पूछती है कि मैं कैसा हूं,
कि मैं कहूं जिंदा हां, या मर गया बता।।
राह चलते गुनगुनाता हूं तेरा नाम,
इश्क़ में अब और क्या करूं।
तेरे नाल उम्मीद लगा बैठा है दिल,
मैं तुझसे प्यार करूं या खुद को छोड़ दूं बता।
कई बार कही है, इक बार फिर कह देता हूं
तेरी मर्जी के बगैर,
मैं तेरे सिवा किसी का नहीं,अब और क्या कहूं बता।
तू क्यूं तय करती है कि साथ उम्र भर का नहीं हमारा,
कर ले कुछ देर बातें, ले ले मेरा नाम जुबां पे,
बैठ मेरे साथ तुझे जी भर के देख लूं,
सुन, इधर तो देख,मेरी तरफ,
मेरा कोई नहीं इस दुनियां बिच तेरे नाल क्या करूं बता।।
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