पुरानी यादों से मैं तुम्हें फिर उठा लाया हूँ एक पर्चे पर लिखे कुछ लम्हों को चुरा लाया हूँ ,उन्हें फिर से जीने की चाहत सी हो रही है मेरे दिल में फिर वही आहट सी हो रही है
सोचता हूँ अबकी रोक लूंगा तुमको आगोश में कुछ यूं कि फिर हमेशा रह जाए ये साथ अपना फिर ये बात कहने को घबराहट सी हो रही है मेरे दिल में फिर वही आहट सी हो रही है
चलो आधुनिकता से कुछ दूर चले चलो भौतिकता को परे करे कुछ जाने समझे खुद को नैतिकता से कुछ नाता जोड़े मानवता अगर बचानी है तो चलो वेद की ओर चले जो सत्य सनातन मार्ग है बस अब उसको ही चुने भोग विलास के मार्ग को अब तो अलविदा कहे चलो मानवता की रक्षार्थ हम वेद की ओर चले अपनी संस्कृति से करे पहचान सादा जीवन उच्च विचार सकल मानव जाति का विकास वहीं है सही मायने में वही सही है चलो एक कदम तो आगे बड़े चलो वेद की ओर चले
वेद ही सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है वेद से लो सम्पूर्ण ज्ञान हर काल, हर परिस्थिति में वो उपयोगी है लो मान आज जो अराजकता फैल रही है सच मानिए सत्य ज्ञान की कमी है हमारा भी दुर्भाग्य देखे हम बाबर से औरंगजेब तक सबका शासन काल जानते है किसने क्या बनाया वो पहचानते है पर वेद कितने है पूछने पर मौन हो जाते है शेक्सपियर को जानने वाले हम वेद व्यास से अनजान से बौद्ध धर्म को पढ़ते हैं खुद के दर्शन पता नहीं हमारा पाठ्य क्रम ही ऐसा है इसमें हमारी खता नहीं यदि वेद पढ़ाए भी जाते है उनके अर्थ तोड़ मोड़ के बताए जाते है कम से कम घर में बच्चों को सही ज्ञान दे चाहे नवीनता में कितना भी भाग ले नींव को करो मजबूत ताकि आगे जाकर बच्चे हालात से न ही मजबूर
ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।।
अर्थात : हे ईश्वर (हमको) असत्य से सत्य की ओर ले चलो। अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। उक्त प्रार्थना करते रहने से व्यक्ति के जीवन से अंधकार मिट जाता है। अर्थात नकारात्मक विचार हटकर सकारात्मक विचारों का जन्म होता है।