'देवभूमि है हमारी हरिद्वार बद्री विशाल,
'केदार नाथ पितरों का साथ,,
'देवी देवताओं के धाम यहां पर
लोग यहां के गंगा से निर्मल,
'प्रेम भक्ति उपासना का पग पग में रंग
भोले भाले लोग यहां के पैर छू के,
'माथे को चूम के देते ढेरों आशीर्वाद
टेढ़े मेढ़े रास्तों में दौड़ते यहां का बचपन,
'मेहनत बसती है यहां के जवाँ खून में,
'रीति रिवाज लोकगीत भाव विभोर कर देते
सुनके पुराने गीत आंखों से आंसू छलका देते,
कष्ट खाए पहाड़ों में युवा परदेस गए,
वहां के पुरुष स्त्रियों ने मेहनत कर कर अपनी विपदा सुनाएं
आज वह गीतों पर,स्वर बनकर हर होठों पर गुनगुनाए,
उत्तराखंड का विकास रह गई वह आस,
अपनों को छोड़कर जाते युवा प्रदेश
काम की तलाश में
तड़पते अपने भूमि के लिए ,वहां की खुशबू के लिए,
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किला घिर चुका तो क्या
पंख लग चुके मेरे
प्रचंड हालात है तो क्या
जज्बा तप के है लोहा
बिजली भी है आतुर अब चमचमाने को...
म्यान मचल उठी रक्त के सोपान पाने को ..-
एक तेरा ही तो साथ है महादेव
जो मैं ऐसे हालातों में भी मुस्कुराती हूँ
❤️❤️-
मेरे महादेव,
तुम पे ही अपनी दुनिया वारी है,
चाहतों में मुझें तुम्हारी चाहत सबसे प्यारी है ।।
!!जय महाकाल!!
🙏🏻🌼❤-
Chalo Safar Ka Aagaz Karte Hain
Safar Par Milenge Kuch Anjanon Se
Vo Anjaan Jo Gahre Yaar Se Lagenge.
Aur Fir Chalenge Milne Us Jigri Se
Jo Chadar Safed Odhe Soya Hai-
देवो के देव महादेव
जिनके बस्ते वहा हाथ है....
वह ऊंचा हिमालय पर्वत
चोपता तुंगनाथ है !!!
Aartiv-
तुम क्या जानो हाल हमारा,
एक तो शहरों में बंद ऊपर से ख्याल पहाड़ों का ।।-
तेरे शहर से मेरा गाँव अच्छा है ,
तेरे Hi / Hello से मेरा जय महाकाल अच्छा है !-