QUOTES ON #TRAVELLER

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11 APR AT 21:18

रास्ते ही मिलते गए मुड़ते गये
और जुड़ते रहे
मंज़िलें दूर खिसकती रही
ख़्वाब मंज़िलों के बिखरते रहे
अब तो इन रास्तों में ही
मज़ा आने लगा है
चलते रहना ही ज़िंदगी है
ऐसा लगने लगा है

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11 APR AT 10:07

मोड़ पर पहुंची भी नहीं थी
की अचानक रुकना पड़ गया..
अब ये मोड़ उस मोड़ पर
ना जाकर थम जाये..
जहाँ से मैं खुद को ही भूल जाऊ..

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5 APR AT 16:15

आज फिर बादल छाएं हुए है,
आज फिर बारिश सा मौसम है,
लगता है मानसून प्रस्फुटन का मौसम आ गया है,
हल्के काले जलद नभ में विचरण करते हुए ,
शीतल बयार प्रवाहित होते हुए,
फाल्गुन विदाई लेते हुए चैत्र मास का स्वागत कर रहा है,
बसंत की बहार भी तो छाई हुईं है,
कहीं पतझङ है तो कही,
वृक्षो के नई कोपलें प्रस्फुटित हो रही है,
खेतों में फसले कट चुकी है,
एक दूर पहाङी पर पवन पंखे चलते दिख रहे है,
एक थ्रेसर भी दिखा है ,
शीशम -नीम के भी नये पते आ गए है,
कही-कहीं आकङे के पेङ भी है,
सङक किनारे पेङो पर धूल बहुत जमी है ,
दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने मे भी अभी समय है,
अब थोङी धूप भी दिखी है,
एक बङी दूर घने काले बादल आसमान मे प्रतीत हो रहे है,
ऐसे लग रहा है जैसे मौसम अठखेलियां कर रहा है,
बादलों को देखकर कुछ आकृति बनाने की कोशिश करती हूँ,
वैसे बादलो वाले शीतल मौसम में चहचहाते पक्षी बङा मनोरंजक लगते है,
तितलियां नही दिख रही आस -पास,
खैर हंसते-रहिए खिलखिलाते रहिए ,
आज का विराम सुहावने मौसम के साथ।

Sudha pandla(Rohilla)



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4 APR AT 16:00

बादल छाएं हुए है,भरी गर्मी के दिनों में शीतलता कुछ सुहावनी सी है,
कई भवन बेजाऱ से है शायद कोई रहता नही इनमें,
नया टोल-टैक्स बनाया जा रहा है,
दुकानें भी काफ़ी बेजाऱ सी है मानो मुनाफे को मुद्रास्फीति निगल गई हो,
पेट्रोल पम्प भी है रास्ते में,
राजस्थानी व्यंजन हेतु सांगरी भी लगने लगी है,
खिपोळी भी कहीं-कहीं दिख रही है,
खेतों में छोटे-छोटे कृत्रिम तालाब बनाए हुए हैं ,
पशु-आहार,ग्रेनाइट ,आटो-पार्टस की भी दुकाने है,
खेतों के चारो तरफ धातु के तारों की तारबंदी की गई है,जगह-जगह शीतल पानी की प्याऊ है,
नाई व ई-मित्र की भी दुकानें है,
तारकोल की पक्की सङके बनी हुई हुई है,
हाई-वोल्टेज विद्युत लाईन भी खेतों से गुजर रही है ,
कहीं-कहीं भवन निर्माण का कार्य चल रहा है तो कहीं आधे भवन बनाकर छोङ रखे है,
परिवहन सेवा यदा-कदा ही है,
छोटा बाजार है खुङ रास्ते में आया है ,
हाल ही नगरपालिका बना है ,
यह परिवहन सेवा के लिए एक त्रिआयामी जंक्शन सा है,यहाँ से जोधपुर,उदयपुर,नागौर,अजमेर,कुचामन ,जयपुर आदि के लिए बसें गुजरती है,
बारिश वाला मौसम है ,
खेतों में किसानों ने कही-कहीं-कहीं जुताई भी कर दी है,छिन्न-भिन्न ईंट उद्योग भी है इधर ,
भेङ-बकरी,गाय-भैंस ,ऊट आदि पशुपालन है यहाँ,
मकान सीमेंट के बने है,शहीद स्मारक भी आए है कही-कही,एक बङा सा कबाङीखाना भी दिखा है,
कहीं -कहीं आम,बरगद,पीपल के पेङ भी दिखें है।

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4 APR AT 15:59

बादल छाएं हुए है,भरी गर्मी के दिनों में शीतलता कुछ सुहावनी सी है,
कई भवन बेजाऱ से है शायद कोई रहता नही इनमें,
नया टोल-टैक्स बनाया जा रहा है,
दुकानें भी काफ़ी बेजाऱ सी है मानो मुनाफे को मुद्रास्फीति निगल गई हो,
पेट्रोल पम्प भी है रास्ते में,
राजस्थानी व्यंजन हेतु सांगरी भी लगने लगी है,
खिपोळी भी कहीं-कहीं दिख रही है,
खेतों में छोटे-छोटे कृत्रिम तालाब बनाए हुए हैं ,
पशु-आहार,ग्रेनाइट ,आटो-पार्टस की भी दुकाने है,
खेतों के चारो तरफ धातु के तारों की तारबंदी की गई है,जगह-जगह शीतल पानी की प्याऊ है,
नाई व ई-मित्र की भी दुकानें है,
तारकोल की पक्की सङके बनी हुई हुई है,
हाई-वोल्टेज विद्युत लाईन भी खेतों से गुजर रही है ,
कहीं-कहीं भवन निर्माण का कार्य चल रहा है तो कहीं आधे भवन बनाकर छोङ रखे है,
परिवहन सेवा यदा-कदा ही है,
छोटा बाजार है खुङ रास्ते में आया है ,
हाल ही नगरपालिका बना है ,
यह परिवहन सेवा के लिए एक त्रिआयामी जंक्शन सा है,यहाँ से जोधपुर,उदयपुर,नागौर,अजमेर,कुचामन ,जयपुर आदि के लिए बसें गुजरती है,
बारिश वाला मौसम है ,
खेतों में किसानों ने कही-कहीं-कहीं जुताई भी कर दी है,छिन्न-भिन्न ईंट उद्योग भी है इधर ,
भेङ-बकरी,गाय-भैंस ,ऊट आदि पशुपालन है यहाँ,
मकान सीमेंट के बने है,शहीद स्मारक भी आए है कही-कही,एक बङा सा कबाङीखाना भी दिखा है,
कहीं -कहीं आम,बरगद,पीपल के पेङ भी दिखें है।

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4 APR AT 15:57

बादल छाएं हुए है,भरी गर्मी के दिनों में शीतलता कुछ सुहावनी सी है,
कई भवन बेजाऱ से है शायद कोई रहता नही इनमें,
नया टोल-टैक्स बनाया जा रहा है,
दुकानें भी काफ़ी बेजाऱ सी है मानो मुनाफे को मुद्रास्फीति निगल गई हो,
पेट्रोल पम्प भी है रास्ते में,
राजस्थानी व्यंजन हेतु सांगरी भी लगने लगी है,
खिपोळी भी कहीं-कहीं दिख रही है,
खेतों में छोटे-छोटे कृत्रिम तालाब बनाए हुए हैं ,
पशु-आहार,ग्रेनाइट ,आटो-पार्टस की भी दुकाने है,
खेतों के चारो तरफ धातु के तारों की तारबंदी की गई है,जगह-जगह शीतल पानी की प्याऊ है,
नाई व ई-मित्र की भी दुकानें है,
तारकोल की पक्की सङके बनी हुई हुई है,
हाई-वोल्टेज विद्युत लाईन भी खेतों से गुजर रही है ,
कहीं-कहीं भवन निर्माण का कार्य चल रहा है तो कहीं आधे भवन बनाकर छोङ रखे है,
परिवहन सेवा यदा-कदा ही है,
छोटा बाजार है खुङ रास्ते में आया है ,
हाल ही नगरपालिका बना है ,
यह परिवहन सेवा के लिए एक त्रिआयामी जंक्शन सा है,यहाँ से जोधपुर,उदयपुर,नागौर,अजमेर,कुचामन ,जयपुर आदि के लिए बसें गुजरती है,
बारिश वाला मौसम है ,
खेतों में किसानों ने कही-कहीं-कहीं जुताई भी कर दी है,छिन्न-भिन्न ईंट उद्योग भी है इधर ,
भेङ-बकरी,गाय-भैंस ,ऊट आदि पशुपालन है यहाँ,
मकान सीमेंट के बने है,शहीद स्मारक भी आए है कही-कही,एक बङा सा कबाङीखाना भी दिखा है,
कहीं -कहीं आम,बरगद,पीपल के पेङ भी दिखें है।

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3 APR AT 15:59

जमीन तो उपजाऊ है परन्तु पानी नहीं है,
वृक्षो की डाल पर पतझङ छाया है परन्तु सुखे नहीं है ,
आसमान में बादल छाएं है पर बारिश नहीं है,
खेतों में चनें -सरसों की फसल कट चुकी है ,
अब फसल अवशेष एकत्र किया जा रहा है,
मौसम थोङा छायादार सा है पर कहीं धूप भी है,
आरा मशीन पर काटे हुए वृक्ष पङे दिख रहें है ,
पानी की टंकी मे पानी नहीं है,
कहीं-कहीं गेहूँ की भी फसल लगभग कट चुकी है
परन्तु थ्रेसर आए तो दाना निकलें,
लोग दोपहरी में घरों के अन्दर है,
कहीं सौर ऊर्जा की प्लेटे लगी है तो कहीं मकानों की छत कच्ची-पक्की है,
एक राधा-कृष्ण का मंदिर जिसे द्रविङ शैली मे बनाने की कोशिश हो रही है,
बील ,नीम,खेजङी,शीशम,देशी-विदेशी कीकर,के अधिकतर वृक्ष है यहाँ,
चारो तरफ पहाड़ियां है परन्तु ऊँचाई कम है इनकी,
खेतों को आवास भूमि में बदलकर प्लाॅट काटे जा रहें है,
अधिकतर मकान पक्के है कच्चे तो नाममात्र है,
कहीं बङे-बङे भवन तो कहीं एक कमरे के घर है,
सङको पर जनरल स्टोर,गन्ने,चाय-नाश्ते आदि की दुकानें है,
रेस्टोरेंट के पास थोङा हरी-भरी घास दिखी है,
घरो-दुकानों में बिजली की व्यवस्था है परन्तु तारों की व्यवस्था अस्त-व्यस्त तथा तितर-बितर है,
अब शहर में प्रवेश कर रहे है ,
शहरों की व्यवस्था का हाल फिर कभी आज के लिए इतना ही..............

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1 APR AT 19:46

कठिन रास्तों से घबराइए मत, अक्सर कठिन रास्ते ही खूबसूरत मंजिल तक जाती है।

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28 MAR AT 20:40

चल पड़े कदम नए सफ़र की और

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22 MAR AT 2:48

the vastness and beauty of the world.

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