जिन्होंने सीता को न छोड़ा हो कहे बिना,
वो नारी का अस्तित्व क्या जानेंगे,
कहने वालों का मुँह नहीं पकड़ा जाता,
ये तो वो हैं जो,अपनी माँ के दूध में भी कलंक निकालेंगे।-
ज़िंदगी राह अनजान है
ये सफ़र सारा वीरान है...
हर मुसाफ़िर इसका मेहमान है,
काँटो पे दिन बिताना पड़ेगा...
ज़िन्दगी प्यार का गीत है....
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ज़िन्दगी भी अजीब हो गई है
सुबह की तरह ख़ुशनुमा और
शाम की तरह अँधेरी सी हो गयी है...-
उसकी नज़रों में वाक़ई जादू था
सामने मैं खड़ा था
उसकी आँखों में कोई और ही
झलक रहा था...-
मौत के इस मंज़र में
एक हम ही बेख़ौफ घूमते हैं,
दिल दिया था तोहफ़े में उन्हें
अब बस लाश बन के घूमते हैं।-
अपनी ग़लती का ठीकरा
उन पर क्यों फोड़ू मैं...
मुझे अधमरा कर देने का हक़
भी तो मैंने ही दिया था आख़िर।-
मज़बूरी में साथ छोड़ कर,
यूँ चौंका कर सब को मदहोश नहीं करते।
तेरे बदल जाने का अंदाज़ भी होता,
ऐ दोस्त ज़रा भी अफ़सोस नहीं करते...
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हमें रुलाना
हम हँस कर इसे भुला दिए।
जिनके हँसने से सुबह शाम थी
मुँह पर हंसी दिखा उसे
दिल से रुला दिए...
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मैं नाराज़ नहीं होता हूँ किसी से
बस जो पसंद नहीं उसे साइड कर देता हूँ...-