The Social Confessions   (The Social Confessions)
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Joined 8 June 2020


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Joined 8 June 2020
22 JUL AT 0:51

सबको बराबर रखना,
हर किसी के बस की बात नहीं।
तेरी खुशी की बिना सोचे सोई हो,
ऐसी कोई रात नहीं।
फिर भी बात समर्पण की करता तू...
क्या तेरी नजरों में बहनों की कोई औकात नहीं ?
प्यार से रखा कर इस मां को भी,
क्योंकि मां से बढ़कर कोई सौगात नहीं...

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22 JUL AT 0:49

कैसा भी हो पीहर,
हर बेटी को अपने पीहर की चाह होती है।
मत अपमान किया करो बहनों का,
कदम कदम पर साथ देने वाली बहन, कहाँ होती है ?
कभी भी, कैसे भी, पूरी करती हर इच्छा तेरी,
तेरे लिए हर चीज की हाँ होती है।
इज्जत करना सीख ले भाई...
मत रुलाया कर बहनों को,
अरे, बड़ी बहन तो माँ होती है।

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13 JUL AT 0:21

"पापा"

बहु का था इंतजार और बेटियों से करते थे प्यार,
आज आपके उसी घर में, बेटियों को सुननी पड़ती हैं बातें चार।

भाई की तरह नहीं बेटे जैसा किया आपके बेटे को प्यार
फिर भी उन सब बेटियों की आँखों में है नमी,
इतना प्यार दिया जिस भाई को सब ने
वो क्यों पूरी नहीं कर पा रहा, आपकी कमी।

ये सोच सोच कर ही, दर्द रहता है सर में
प्लीज भगवान जी सद्बुद्धि दो सभी को
और शान्ति रखो उस घर में...

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मुझसे जीत कर ख़ुश होने वाले
ये क्यों भूल जाते हैं, कि
मेरी हार भी उन्हीं के हिस्से में है...

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13 OCT 2024 AT 22:52

हमें हर उस चीज़ में दिलचस्पी है जिस चीज में उन्हें दिलचस्पी है...
मगर ग़म बस इस बात का है
कि हमारी दिलचस्पी जानने में, उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं...

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13 OCT 2024 AT 22:46

तुम खामोश हो अभी, जो बचा है उसे टूटता देख,
मैं जब अपनी तरफ़ से भी सब तोड़ दूं तो ग़िला न करना...

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26 DEC 2023 AT 23:55

अभिमानी व्यक्ति की एक विशेषता यह भी है कि
अच्छी बातें और सच्चे लोग कभी समझ नहीं आते ।

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6 DEC 2023 AT 23:07

श्री राम जी तो हमारे एक ही हैं,
लेकिन कई कंस अपने आप को ही
राम लखन समझ बैठे हैं...

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11 JUL 2023 AT 0:37

जिंदगी से वक़्त वक़्त पर लोग कम होते चले गए,
फूलों को जलाकर, कांटों के बीज बोते चले गए,
यकीनन कुछ अधूरी ख्वाहिशों के मारे थे बेचारे
उन्होंने तो कुछ पा लिया पर हम, सब खोते चले गए।

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4 JUL 2023 AT 1:00

हौसलों के दम पर यूं तो अकेला इंसान
सारी दुनिया से भिड़ जाता है।
लेकिन जब नींव ही कमज़ोर हो जाए तो
ऊंचे से ऊंचा मकान भी, गिर जाता है...

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