उनको हमसे दिलकशी हुई....
हम दिल्लगी समझ बैठे....
हम मुफलिसी में फ़िज़ूल क्या हुए...
वो हमें फ़कीर समझ बैठे....-
खुदा की मौजूदगी में दिल्लगी
होना किसी वफ़ा से कम नहीं..
मगर ,
खुदा की मुहब्बत में फ़कीर
होना किसी शिफा से कम नहीं..-
दोस्ती की कसमें नहीं खाई....
पर तुमने हमारी खामोशी पढ़ी है....
हमारी दोस्ती में कुछ अलग तो है...
तहज़ीब है , फिकर है , सुकून भरी महक तो है....
हमारी दोस्ती का कुछ नाम तो नहीं...
अनछुए किस्से है , जज़्बात है, ख़याली सबब तो है...
मैने महज़ चंद लफ्ज़ लिखे वोह शायरी तो नहीं....
बस मेरी ज़िन्दगी की बेरुखी मेरे सामने खड़ी है....
हां दोस्ती की कसमें नहीं खाई ,
पर तुमने हमारी खामोशी पड़ी है.....-
ऐसा नहीं है कि हम तुम्हारे बिना ज़ी नहीं सकते
बात इतनी सी है कि हम चाहते नहीं की ऐसा हो...-
Nazrein na milaiye humse humari ashqon se dosti hai....
आंखों का मंज़र ना पूछिए हमसे , खूबसूरत तो है मगर बेतहाशा विलायती हैं...-
हमसफ़र का इंतज़ार हो और रास्ते में आपका मिल जाना
कितना ख़ूबसूरत मंज़र होगा बारिशों में चांद का खिल जाना-
Do I need to find you
Or you're already in my heart's space...?
Do you ever loved me
Or I'm still your Heart beats..?-
बिना बात के ढेर सारी बातें हो....
हर रोज ख्यालों में उससे मुलाकाते हो....
सब कुछ मुमकिन है....
बस एक कप चाय हो और तन्हा रातें हो...-
खयालों में तुम्हारे ताउम्र कैद भी मिले तो कोई इल्म नहीं....
गुनाह मंज़ूर है , हां हमने तुम्हारा दिल चुराया है....-
Suno mera takiya mujhe lauta do..
Ye khushiyon mein baahon k
Aur dard mein nigahon k kareeb tha-