समस्त कामनाओं में तुम हो
कल्पनाओं में तुम हो
तुम हो जीवन में
संभावनाओं में तुम हो।
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Tum kya janoge haal humara,
Ek to baatein bnd , upar se ;
Khayaal tumhara....-
मैंने लिख लिख के मिटायी हैं बातें कई,
मैंने जग जग के बितायी हैं रातें कई !!-
Zehan mein adhure jo sapne hein....
इश्क़ की बेआरज़ू लिए तनहाई की रात।
Humein nind aa jaati toh hai.....
हमको फ़क़त कुछ लम्हें जगाए रखने के बाद।-
बरसती चांदनी में फकत कोई आरज़ू जल रही है
अपनी ख़बर आजकल मुझे लोगों से मिल रही है
उसके होठों में तो बस इक मुस्कान पुरानी थी
जाने क्या सोचकर मेरी तबीयत मचल रही है
वो इश्क़, वो बातें जो उसने कभी कही नहीं थी
मगर बालों की वो लटें कानों के पीछे से कुछ कह रही है
बेशक वो दिन की शफाख़ रोशनी थी
अब तनहा हूं मैं देखो, अब ये रात कम्बख़त हंस रही है
उसको कहो मेरा दिल कुछ और बेदर्दी से तोड़े वो
इस तरह कहाँ ज़िस्म से मेरे जां निकल रही है-
Ankhe khulte hi tujjse bat krna ho yaa....
Kai dino tk bina ek lafz sune teri yadon mein rhna...
Ghnto baatein krna ho yaa....
Teri tasveer ko seene se lagae rkhna....
Maine shiddat se jise chaaaha hai wo khaaab ho ya..
Bss wajah bhr ho bewajah muskurane ki...-
Andheron ke zamane mein ye aaftaab kaisa
अधूरे हैं हम, अधूरा है इश्क़ ; फ़िर ये मुकम्मल ख़ाब कैसा !!-
Khayalon mein , aitbar ;
mukarrar hua hai dono ke darmiyan...
हकीकत से ना फेहमी ,
तुमको भी नहीं तो हमको भी नहीं !!-