.......
-
𝐉𝐮𝐬𝐭 𝐥𝐞𝐬𝐬𝐨𝐧𝐬 :)
... read more
कौन मेरा मेरा क्या तू लागे
क्यों तू बांधे मन से मन के धागे
बस चले ना क्यों मेरा तेरे आगे..
छोड़ कर ना तू कभी भी दूर अब जाना
तुझको कसम है
जो भी है तू झूठ या सच या भरम है..
-
Yess it's been a year ..
but having a friend like you time flies like a second..
Happiest birthday to you Neha🌼
-
तुम्हारी बातों में एक शायरी है,
अधुरी ही सही मगर बेहद प्यारी है,
अनकहे अल्फाजों से पिरोए
गीत है उनमें,
खूबसूरत एहसासों से भरे
प्रीत है उनमें,
तुम्हारी कलम स्याही की आड़ में
जाने क्या कह रही हैं,
ख़ामोशी में भी बस एक हल्की
सी मुस्कान बिखेर रही हैं..-
आज फ़िर ख्यालों में मुलाक़ात हुई उससे,
अधुरी ही सही मगर बात हुई उससे..
कैसे मिलना हमारा अब दस्तुर हो गया है,
हकीक़त से सामना भी अब नूर हो गया है..
ख़्वाबों के ज़रिए ही सही कुछ वक्त,
उस खुदा से चुरा कर तेरे हवाले कर दूं..
खामोशियों में ही सही मगर अपने,
मन की ढेर सारी बातें तुझसे कह दूं..
मगर मेरे ख़्याल पन्नों पर रहे
तो लाजवाल होगा,
मोहब्बत नज़्म सी हो
तो साजवाल होगा..
राहें अलग है हमारी पता है मुझे ,
जाने कितनी यादों और वादों के पीछे
छूट जाने पर कोई सवाल ना होगा..-
रात की ख़ामोशी
मन की बात
नहीं समझती,
अकेले रहने का
सुकून और
एहसासों के
अल्फ़ाज़ नहीं
समझती,
हैं गहरे
कई ज़ख्म आज
भी इस ज़ेहन में,
मगर हर एक
ज़ख़्म की वो
दबी हुई चीख
ये पत्थरों की
दुनिया
नहीं समझती...-
बस उड़ जा पर फैलाए,अपने ख्वाहिशों के नीले आसमां में..
बस बढ़ जा कदम उठाए,अपने मंज़िल की लंबी राह में..-
वो लम्हें जो कभी तुम्हारे साथ बिताए थे ,
उन लम्हों में एक बार फ़िर जीना चाहती हूं..
हमारे बीच जो वक्त की पाबंदियां लगी हैं,
बस उन्हें तोड़कर तुम संग आज़ाद होना चाहती हूं..
मैं बस थोड़ी देर के लिए
अपनी आदतों को किनारे रखकर
तुम्हारी आदतों को अपनाना चाहती हूं,
कुछ देर के लिए ही सही मगर
मैं तुमसा होना चाहती हूं..
अगर विश्वास ना हो तो कभी इन
बारिश की बूंदों से पूछना,
तुम्हें इनमें और मेरी नम आंखों में कोई
फ़र्क नज़र ना आएगा..
मगर आज जब मैं अपनी धुंधली नज़रों
से तुम्हें देखना चाहूं भी तो भी तुम
नज़र ना आओगे,
क्योंकि मुझे पता है
तुम मेरे अंदर का वो एहसास हो
जोकि हक़ीक़त में हो ही नहीं..-