Kriti   (Kriti)
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Joined 8 February 2020


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Joined 8 February 2020
13 JUN 2022 AT 20:34

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27 JUN 2021 AT 11:33

VEER ZARA

(Read in caption..)

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11 AUG 2020 AT 11:14

कौन मेरा मेरा क्या तू लागे
क्यों तू बांधे मन से मन के धागे
बस चले ना क्यों मेरा तेरे आगे..
छोड़ कर ना तू कभी भी दूर अब जाना
तुझको कसम है
जो भी है तू झूठ या सच या भरम है..

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31 DEC 2021 AT 7:33

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28 NOV 2021 AT 21:04

Yess it's been a year ..
but having a friend like you time flies like a second..
Happiest birthday to you Neha🌼

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7 OCT 2021 AT 16:29

तुम्हारी बातों में एक शायरी है,
अधुरी ही सही मगर बेहद प्यारी है,
अनकहे अल्फाजों से पिरोए
गीत है उनमें,
खूबसूरत एहसासों से भरे
प्रीत है उनमें,

तुम्हारी कलम स्याही की आड़ में
जाने क्या कह रही हैं,
ख़ामोशी में भी बस एक हल्की
सी मुस्कान बिखेर रही हैं..

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26 AUG 2021 AT 15:30

आज फ़िर ख्यालों में मुलाक़ात हुई उससे,
अधुरी ही सही मगर बात हुई उससे..
कैसे मिलना हमारा अब दस्तुर हो गया है,
हकीक़त से सामना भी अब नूर हो गया है..


ख़्वाबों के ज़रिए ही सही कुछ वक्त,
उस खुदा से चुरा कर तेरे हवाले कर दूं..
खामोशियों में ही सही मगर अपने,
मन की ढेर सारी बातें तुझसे कह दूं..


मगर मेरे ख़्याल पन्नों पर रहे
तो लाजवाल होगा,
मोहब्बत नज़्म सी हो
तो साजवाल होगा..
राहें अलग है हमारी पता है मुझे ,
जाने कितनी यादों और वादों के पीछे
छूट जाने पर कोई सवाल ना होगा..

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16 AUG 2021 AT 21:22

रात की ख़ामोशी
मन की बात
नहीं समझती,

अकेले रहने का
सुकून और
एहसासों के
अल्फ़ाज़ नहीं
समझती,

हैं गहरे
कई ज़ख्म आज
भी इस ज़ेहन में,

मगर हर एक
ज़ख़्म की वो
दबी हुई चीख
ये पत्थरों की
दुनिया
नहीं समझती...

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3 AUG 2021 AT 19:32

बस उड़ जा पर फैलाए,अपने ख्वाहिशों के नीले आसमां में..
बस बढ़ जा कदम उठाए,अपने मंज़िल की लंबी राह में..

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6 JUL 2021 AT 11:14

वो लम्हें जो कभी तुम्हारे साथ बिताए थे ,
उन लम्हों में एक बार फ़िर जीना चाहती हूं..

हमारे बीच जो वक्त की पाबंदियां लगी हैं,
बस उन्हें तोड़कर तुम संग आज़ाद होना चाहती हूं..

मैं बस थोड़ी देर के लिए
अपनी आदतों को किनारे रखकर
तुम्हारी आदतों को अपनाना चाहती हूं,
कुछ देर के लिए ही सही मगर
मैं तुमसा होना चाहती हूं..

अगर विश्वास ना हो तो कभी इन
बारिश की बूंदों से पूछना,
तुम्हें इनमें और मेरी नम आंखों में कोई
फ़र्क नज़र ना आएगा..

मगर आज जब मैं अपनी धुंधली नज़रों
से तुम्हें देखना चाहूं भी तो भी तुम
नज़र ना आओगे,
क्योंकि मुझे पता है
तुम मेरे अंदर का वो एहसास हो
जोकि हक़ीक़त में हो ही नहीं..

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