टककर की बात मत करो
जिस दिन सामना होगा हस्ती मिटा देंगे...!-
मैं - दिल संभल जा जरा..
दिल - मै कौन सा तेरी किडनी में टक्कर मार रहा हूं
😜😜-
मौत का मौसम है नई वफा आई है।
सांस लेने पर भी एक सजा आयी है
जान नही छोड़ती जान जाने तक!
अरे इश्क तेरे टक्कर की एक बला आयी है!!-
#काॅरोना
खुलकर साँसे भरने में भी अब
जान पर बन आई है..
ऐ इश्क़ देख, तेरे ही टक्कर की
कोई बला आई है.. ।-
टक्कर ऐसी हो जाए के मैं बिखरूं भी और फिर समेट भी लिया जाऊं।
एक ऐसी तेज टक्कर हो मेरे कांच जैसे मन की।
एक टक्कर जो मुझे हज़ार टुकड़ों में तोड़कर एक ही पल में साबुत कर दे।
वो पल वो लम्हा जो रूक जाए दुनिया वहीं सिमट जाए।
मैं बार-बार इस दुनिया में वापिस ना आऊं।
के एक टक्कर ऐसी हो जाए के मैं बिखरूं भी और फिर समेट भी लिया जाऊं।
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दौलत से बड़ी कोई चीज है वो है प्रेम और ज्ञान
प्रेम के साथ बनता एक दयालु इंसान
ज्ञान को पाकर ही बनता है मनुष्य महान-
सही समय पर गलत इंसान से टकराना हुआ,
याद आती है आज भी मगर उन्हें गए ज़माना हुआ।
बद्दुआऐं भी बहुत दी लेकिन फिर भी दिल में वही है,
उसकी रूह का मेरे दिमाग में रोज़ का आना जाना हुआ।
बीते वो लम्हें अब कभी लौटकर नहीं आऐंगे,
बार-बार यादें आऐंगी और पल वो हसीं सताऐंगे।
मेरे फ़ौत हुए जिस्म पर उसके कहे लफ्ज़ों का कफ़न हां छुआ।
न जाने क्यों सही समय पर गलत इंसान से टकराना हुआ,
याद आती है आज भी मगर उन्हें गए ज़माना हुआ।-
कोशिश कर , हल निकलेगा,
आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा,
मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा।
मेहनत कर, पौधों को पानी दे,
बंजर में भी फिर, फल निकलेगा।
ताक़त जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी, बल निकलेगा।
सीने में उम्मीदों को, ज़िंदा रख,
समन्दर से भी, गंगाजल निकलेगा।
कोशिशें जारी रख, कुछ कर ग़ुज़रने की,
जो कुछ थमा-थमा है, चल निकलेगा।
कोशिश कर, हल निकलेगा,
आज नहीं तो, कल निकलेगा।
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