ना मैं अबला हूँ,ना हीं मैं बेचारी हूँ ,
मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूँ
मौन हूँ तो ये मेरी सहनशीलता है
अन्याय की सीमा जिस दिन पार हुई
तो समझना फिर मैं काल तुम्हारी हूँ
बेचारी नहीं,मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूँ
सम्मान दोगे तो दिल में बसा लूँगी
किंतु अगर भोग की वस्तु समझा
तो फिर मैं विनाशकारी हूँ
बेचारी नहीं,मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूँ
लक्ष्मी हूँ,दूर्गा भी हूँ,मैं हीं काली हूँ
सती हूँ,मीरा भी हूँ, मैं हीं झांसी की रानी हूँ
ना मैं अबला हूँ,ना हीं मैं बेचारी हूँ ,
मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूँ|
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