प्रेम वाकई चमत्कारी है
तभी तो साधारण दिखते
पाँव में जैसे हीं लगाती हूँ
मैं महावर, ये लगने लगते हैं
आकर्षक, हो उठते हैं सुंदर
क्योंकि लाल रंग
प्रतीक है प्रीत का
साथ का
सौभाग्य का!-
Swati Rai
(सहर)
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अमृत पी पीकर यहां पे मैं ज़हर हो गई हूँ,
शब इतनी घनी थी कि अब"सहर"हो गई हूँ!©
Lessons of lif... read more
शब इतनी घनी थी कि अब"सहर"हो गई हूँ!©
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Joined 12 June 2017
3 SEP 2022 AT 23:29
4 JUL 2022 AT 23:51
"अवनीश" के बाग़ान में
आसमान ने भेजी
एक प्यारी सी सौगात
जो आयी तो बूँद बनकर
मगर सीप में गिरते ही
"आशिता" रूपी मोती
में परिवर्तित हो गयी
और इस तरह मान बढ़ा
.
.
.
"स्वाति" नक्षत्र का
-
14 FEB 2022 AT 10:06
मैं इश्क़ लिखूं या इबादत लिखूं
ख़्वाब लिखूं या हक़ीक़त लिखूं
दिल पे है जिसकी हुकूमत लिखूं
तेरा नाम लिखूं या मुहब्बत लिखूं!— % &-
21 JUN 2021 AT 19:47
समय गतिशील है..
रूकता नहीं, निरंतर चलता रहता है..
क्या वाकई?
पूछो ज़रा उससे, जो झेल रहा हो पी का बिछोह....-
16 AUG 2020 AT 11:00
वो कहता है मौन तुमपे बिल्कुल ना सुहाता है
मेरी सारी अल्हड़ बातें वो सुनता ही जाता है
जाने क्या मिलता है उसको जाने क्या वो पाता है
शायद अक्सर हाल यही मुहब्बत में हो जाता है-
4 JUN 2019 AT 0:05
कमरे की
हर एक
चीज़ को
सलीक़े से
रखती है वो
अंदर जो बिखरा
पड़ा है उसे
भुलाने की कोशिश में...-