पहन लिया है मेरे मन ने तुम्हें लिबास की तरह
देह गलकर एक दिन तुम्हारे मन में मिल जायेगी-
5 APR 2021 AT 8:44
18 APR 2021 AT 11:36
दिल लगा बंजारन से बंजारा हो गया।
परदेश सा ये देश हमारा हो गया।-
19 JUL 2021 AT 10:18
किसी के इंतजार में एक उम्र नाकाम हो गई
किसी से सुबह मिले और मिलते ही शाम हो गई-
15 JUN 2021 AT 23:43
इन अंधेरों को तूने दिल से जो चाहा
अब हमारी हर सांस में ज़िक्र सिर्फ तेरा है...-
3 AUG 2021 AT 13:06
मैं अपने सफर-ए-इश्क़ की क्या बात कहूँ
उनके आँखों से बचती हूँ और बातों पर अटक जाती हूँ-
4 OCT 2021 AT 15:16
शरारती लाल बिंदी,
धीमी निरन्तर मुस्कान
आंखों में मीठी सी हया,
मुझपर ठहरी तुम्हारी नज़रें
इससे ज्यादा और श्रृंगार,
करती भी तो करती क्या-