तेरी सुबह के वो call की अब भी इंतजार है....
तेरी मिठी मिठी आवाज़ की अब भी इंतजार है...
नजाने तू अब मुझे याद करती है या नहीं,
तेरेलिए वो प्यार तो अब भी बेशुमार है...
क्यों की इस जिस्म पे तो हक था सिर्फ तेरा,
ना ही ये दिल सोचा और किसीको इतना गहरा,
डूब गए थे इस कद्र प्यार में हम तेरे,
के टूट के यूं बिखरे अरमान सारे मेरे,
फिर भी अब हमको कोई और नहीं मंजूर है,
क्यों की इस दिल को बस तेरा ही इंतजार है ....
-