QUOTES ON #STAYATHOME

#stayathome quotes

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27 MAR 2020 AT 8:49

हम वह हैं जिसे हमें हमारी सोच ने बनाया है,
जीवन वही उचित है जो मानवता के काम आया है...
मानवता केवल मनुष्य पर ही नहीं, अपितु पशु पक्षियों पर भी दिखानी चाहिए, क्योंकि उनमें भी प्राण होते हैं और उन्हें भी दर्द का होता है एहसास,
अगर यही प्रक्रिया चलती रही तो कुछ नहीं बचेगा कुदरत के पास...
साईं नाथ से समृद्धि सबके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है, मेरे जीव जंतुओं और प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट ना करो, यह कह रही माँ धरती है।

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24 MAR 2020 AT 23:10

कोरोना की लड़ाई में कोई भूखा नहीं मरना चाहिए,

याद रखें ये ज़िम्मेदारी हम सबकी है 👍👍

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10 APR 2020 AT 19:13

मसला यह नहीं के, कितनी ख़्वाहिशों पर ताले पड़ गए,
बल्कि मुद्दा यह है के, भूख की ज़बां पर छाले पड़ गए !!


مسلہ یہ نہیں کہ, کتنی خواہشوں پر تالے پڑ گئے..
بلکہ مدعا یہ ہے کے, بھوک کی زباں پر چھالے پڑ گئے !!

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29 MAR 2020 AT 10:13

कोरोना पर भारी है भूख का वज़न, ये ग़रीबी ने तौल के रख दिया,
मुल्क के हालात कैसे हैं, एक आफ़त ने सब खोल के रख दिया !!


کورونا پر بھاری ہے بھوکھ کا وزن، یہ غریبی نے طول کے رکھ دیا..
ملک کے حالات کیسے ہیں، ایک آفت نے سب کھول کے رکھ دیا !!

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12 APR 2020 AT 11:48

ज़िंदगी ने कुछ ऐसे क़ब्ज़े में समेटा हुआ है,
मुझ से बेहतर तो क़ब्र में मुर्दा लेटा हुआ है !!


زندگی نے کچھ ایسے قبضے میں سمیٹا ہوا ہے..
مجھ سے بہتر تو قبر میں مردہ لیٹا ہوا ہے !!

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29 MAR 2020 AT 18:38

यह कैसा तूफ़ान चला दिया इस जहां के क़ादिर ने,
ख़ुद के घरोंदों को उजाड़ दिया शहर के मुहाजिर ने !!


یہ کیسا طوفان چلا دیا اس جہاں کے قادر نے..
خود کے گھروندوں کو اجاڑ دیا شہر کے مہاجر نے!!

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27 MAR 2020 AT 12:52

कुछ बोलती तस्वीरों के सहारे दिन गिन रहे हैं
यहां सब क़ुदरत के मारे बेचारे दिन गिन रहे हैं

बहुत घर हैं, जिनके घर आटे का कनस्तर नहीं
ऐसे मुफ़लिसों के पेट के अंगारे दिन गिन रहे हैं,

कोई दफ़तर और कोई कारोबार का मुंतज़िर है
अब तो बेरोज़गार और नक़्क़ारे दिन गिन रहे हैं,

बच्चों की ख़्वाहिशों को सब समझाने में लगे हैं
खिलौने वाले और उसके ग़ुब्बारे दिन गिन रहे हैं,

जो घर से दूर है वह मुसलसल राब्ता रखें सबसे
तुम्हारे गांव घर पर अपने तुम्हारे दिन गिन रहे हैं,

यह सारा मंज़र देखो कैसा सूना सूना हो चुका है
मंदिर सूनी है मस्जिदों की मीनारे दिन गिन रहे हैं,

तमाम दुनियां के लिए दुआ है रब से आमिर की
निज़ात दे ख़ुदाया सब थके-हारे दिन गिन रहे हैं !!

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30 MAR 2020 AT 16:26

अगर तुम बच गए तो रोटी की क़िल्लत निग़ल जाएगी
जो डरते हैं हाथ फैलाने से उन्हें इज़्ज़त निग़ल जाएगी,

अमीरों सुन लो अगर इस दौर में भी तुम काम नहीं आए
तुम्हें बाद तूफ़ां ठहर जाने के तुम्हारी ग़ैरत निग़ल जाएगी,

अब भी वक्त है के इंसान बन जाओ आदम के औलादो
वरना ऐसे ही दुनिया को एक दिन नफ़रत निग़ल जाएगी,

सब भूल कर आज एक दूसरे के लिए बन जाओ मसीहा
आएगी राहत ज़मीं पर इससे पहले हुकूमत निग़ल जाएगी,

पांव दहलीज़ के बाहर ना आए ऐसा ख़ुद अहद लीजिए
अगर ना हुए कामयाब तो तुम्हें यह हरकत निग़ल जाएगी

मैं यूंही क़लम से सदाक़त के साथ आईना दिखाता रहूंगा
आमिर को यकीं है मुझे मेरी यह हिकमत निग़ल जाएगी !!

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15 APR 2020 AT 19:31

मेरा दिल उक्ता सा गया है, ज़हन परेशान हो गया,
आख़िर ये वबा कैसे सब्ज़ और ज़ाफ़रान हो गया !!


میرا دل اکتا سا گیا ہے, زہن پریشان ہو گیا..
آخر یہ وبا کیسے سبز اور زعفران ہو گیا !!

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