मिलना तुम मुझे उस याद की तरह,
जो चेहरे पर मेरे हंसी ले आती है,
मिलूंगा में तुमसे उस बात की तरह,
जो मुखड़े पर तेरे मुस्कान ले आती है,
मिलूंगा में तुमसे उस सुबह की तरह,
जिसकी रोशनी में तुम गुम ना हो,
मिलना तुम मुझे उस शाम की तरह,
जिसकी शीतलता में एक सुकून हो,
कहने सुनने को तो है बहुत कुछ,
मिलो कुछ ऐंसे,कि मुलाक़ात कभी खत्म ना हों।
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