Anshul Khare   (अंशुल)
87 Followers · 62 Following

read more
Joined 15 August 2017


read more
Joined 15 August 2017
26 APR AT 4:09

मिलना तुम मुझे उस याद की तरह,
जो चेहरे पर मेरे हंसी ले आती है,
मिलूंगा में तुमसे उस बात की तरह,
जो मुखड़े पर तेरे मुस्कान ले आती है,
मिलूंगा में तुमसे उस सुबह की तरह,
जिसकी रोशनी में तुम गुम ना हो,
मिलना तुम मुझे उस शाम की तरह,
जिसकी शीतलता में एक सुकून हो,
कहने सुनने को तो है बहुत कुछ, 
मिलो कुछ ऐंसे,कि मुलाक़ात कभी खत्म ना हों।

-


18 APR AT 8:48

उसने कहा जिंदगी खूबसूरत है, मैंने कहा तुम्हारे साथ,
उसने कहा इश्क़ में सुकूँ है, मैंने कहा तुम्हारे इश्क़ मे,
उसने कहा इस फ़िज़ा में नशा है मैंने कहा तेरी फ़िज़ा मे,
उसने कहा बातों में एक जादू सा है, मैंने कहाँ तेरी बातों,
उसने कहा अब मंज़िल से वास्ता नहीं, मैंने कहा तेरे संग चलने के बाद,
उसने कहा जिंदगी में जरूरत नहीं किसी की , मैंने कहा तुमसे मिलने के बाद...

-


14 APR AT 1:25

क्यूँ मातम पसरा है और क्यूँ मासूमियत छाई है,
दिल ही तो टूटा है किसी की मौत थोड़ी हुई है।

-


12 APR AT 8:23

एक अरसे तक जिसे पाने की हसरत थी,
अब मिला वो मुझे ज़ब किसी कि भी जरुरत ना थी,  
चाहत थी कभी जिसको गले लगाने की,
बस मुस्कुरा कर मैंने उसको अलविदा कह दिया,
ख्वाहिश थी उसकी मुझे बेड़ियों मे बाँधने की,
मैंने तोड़ा पिंज़रा ख़ुद को आज़ाद कर दिया,
और अब कोई तालाश ना करें मुझे, 
एक वक़्त हुआ मैंने खुद से ही ख़ुद को लापता कर दिया।

-


11 APR AT 23:44

मोहब्बत क्या है नहीं मालूम,
सुकूँ तुमसे बात करने मे है,
इश्क़ क्या है नहीं मालूम,
राहत तेरे संग दुनिया देखने मे है,
ख्वाहिश नहीं कहीं पहुंचने की,
ख़ुशी तेरे संग रास्तो पर चलने मे हैं,
अब चाहत नहीं कुछ और देखने की 
ख़ूबसूरती तो तेरी आँखों को देखने मे है।

-


10 APR AT 18:47

उसकी हर एक याद को ज़हन से मिटा दूंगा,
जो बच गयी कुछ बातें उनको जला दूंगा,
कुछ तो है जो कचोट रहा है मुझे अब भी कहीं,
थोड़ा वक़्त और लगेगा मे सब कुछ भुला दूंगा।



-


10 APR AT 18:31

ना चाहते हुये भी फिर से इश्क़ कर बैठा हूँ,
करना नहीं था इसलिए हालात से लड़ बैठा हूँ,
अंजाम से हूँ वाक़िफ़, तो बोतल और गिलास लिये तैयार बैठा हूँ।

-


10 APR AT 18:24

अब ना आये कोई जिंदगी मे तो अच्छा होगा,
ना बाक़ी रही हिम्मत और जख्म खाने की,
और ना ही है कोशिश अब मरहम लगाने की,
छोड़ दिया सब क्यूँ कि अब ये दिल फिर बच्चा ना होगा।

-


10 APR AT 18:16

अब ना आये कोई जिंदगी मे तो अच्छा होगा,
ना बाक़ी रही हिम्मत और जख्म खाने की,
और ना ही है कोशिश अब मरहम लगाने की,
छोड़ दिया सब क्यूँ कि अब ये दिल फिर बच्चा ना होगा।

-


4 APR AT 8:10

देखता हूँ बहुत कुछ पर बोलता नहीं,
सही गलत मे अब कुछ तोलता नहीं,
जिसे जो कहना है कह लो, तुम्हारे बारे अब सोचता नहीं,
ताला लगा रखा है ख़्वाबों पर, हर कहीं ये दिल खोलता नहीं।

-


Fetching Anshul Khare Quotes