इतने कर्ज़ों में दबे ख़्वाबों पे मुस्का पाना
कितना मुश्किल है इक मकाँ का घर हो पाना-
---: इम्कान :---
वो शायर तन्हा होते हैं
जो नज़्म अधूरी लिखते हैं
कुछ कच्चा रेशम छोड़ते हैं
किसी और सिरे में बुनने को
वो अक़्सर चुप ही रहते हैं
कोई नई कहानी सुनने को
वो कहते हैं ये मुमक़िन है
कहीं और ख़तम हो ये किस्सा
वो कहते हैं ये मुमकिन है
दे दें सबको सबका हिस्सा
वो एक मुकम्मल ख़ाम सा जो
सच से भी ज्यादा कमसिन है
वो नज़्म अधूरे वक़्फे सी
मुमकिन हो, ऐसा मुमकिन है-
---: दूसरा मौका :---
चलो करते हैं
फ़िर वही ग़लतियाँ
क्या पता
नतीजे कुछ और हों
चलो फ़िर
शुरू से शुरू करते हैं
क्या पता
हम कहीं और पहुँच कर ख़त्म हों
-
I became aware of my being.
I realize I am on a long
journey of self-discovery.
I learn through watching
my mind, who I am not!
I believe I am growing to
the higher level of maturity.
I hope to experience more
and more!-
दर्द बन बन के उड़ा करती है ये ख़ाक ए सहर
अभी इक ख़्वाब वो निकला नही है रातों से
कफ़स की देहरी पे आ के भी रुक जाते हो
तुम्हारा दिल नही भरा हमारी बातों से
-
When Doubts Suddenly Shoots Through Me
Like A Piercing Arrow, Or I Am Just
Looking For A Quick Fix. Instead Of
Talking To Others And Getting Even
More Confused, I Started Talking To
Me. I Gave My Emotions A Voice, And
Let My Heart Listen To Me Carefully.
I Am Amazed At, How Much Weight
Has Lifted Off From My Shoulders.
And, Things Just Feel Right Again.
It Is Just Enthralling Sense Of Self-Worth.
Which Is The Most Truest, Purest And
PRISTINE FORM OF SOUL.-
क्या कहा तुमने, मुझे बस अपना दर्द लिखना है..??
अपने दिल की बात को हर्फ-दर-हर्फ लिखना है
क्या करोगी जानकर हाल-ए-दिल का बयां
अब तो ता-उम्र चलेगा ये दर्द का कारवां
खुद ही खुद से तुम्हारे सवाल करता हूं
जवाब ना मिलने पर मलाल करता हूं
ये कैसी जुदाई है जो तुम अब भी पास हो
इल्म है मुझे कि तुम अब भी बहुत खास हो
खैर छोड़ो ये, ये सब तो बस बातें हैं "निहार"
यकीन मानो तुम एक गुज़रा हुआ खुशनुमा एहसास हो
-
सोचता हूं कि अब क्या कर के देखा जाए
क्यों ना इस बार कुछ नया कर के देखा जाए
खुद में ही जो समेट रखा है मैंने सब दर्द अपना,
उन्हे अब कागज़ो पर बयां कर के देखा जाए
बहुत लूटा दिया अपनी ख्वाहिशों को औरों पर
ख्वाहिशों पर ख़ुद को फना कर के देखा जाए-
Placing my hand,
in a feeling of absolute trust,
and surrender,
I know I shall be taken,
to destinations beyond my imagination.
Excited, so excited,
about this adventurous journey.
Have my seat belt on
for I know,
I am being carried - in a speed,
Incomprehensible!-
खुद को टूटते देखा है
खुद को खुद से दूर होते देखा है
अब कोई ख्वाहिश नहीं वापस आने की
अपनी उम्मीदों को बक्से में बंद कहीं दफन होते देखा है-