जब दूरियां बर्दाश्त नहीं होती,
तब प्रेम बढ़ाना पड़ता है !
वक्त की मारा मारी में एक घण्टे में,
बातों को निपटाना पड़ता है !
ये लांग डिस्टेंस वाले ही जानते है,
उनको प्रेम कैसे निभाना पड़ता है !
छिपा कर दर्द जुदाई का सनम से,
झूठी मुस्कुराहट दिखानी पड़ती है !
खतों के ज़माने की तरह ही यारों,
अपने सब्र की सीमा को बढ़ाना पड़ता है !!
ये लांग डिस्टेंस वाले ही जानते है,
उनको प्रेम कैसे निभाना पड़ता है !-
TuM khamõshi ki Baat krte hō...
Hmñe toh Us wakt v sbr Rkhi
Jb hamari Plke Bhìg💦chuki thi,,,,,
IssliYe ki Hmneīn Suñaa hai...✍🏻
HaMare Rab Beskh unke saath hai...
,,,,Jinme sbr haí,,,,,-
Yun to carawan sa hai meri शख्सियत k aas pass.
Par khud ko bayan kar saku, aisa koi शख्स nahi milta.-
सब्र को मेरे, आजमा रहे हो।
शायद तुम भी मुझे भूल रहे हो।
इज़हार करके भी, इंकार स्वीकारा था।
फ़िर कैसे मैंने, ख़ुद को संभाला था।
हां! शायद तुम भूल गए,
सब्र, वफ़ा सब मेरी, तो फ़िर से तुम?
मुझको अब तौलोगे,
हां! अपना मन फ़िर, ख़ुद ही झेलोगे।
मैं हर दफ़ा, दफ़ा होने न आहुंगा।
तुम रोते रहना फ़िर,
मैं तो बस अपना, गुरूर ही सजाऊंगा।-
तेरी आंखो में वो जादू है,
कि दिल न चाहकर भी बेकाबू है।
ऊपर से आंखो को सींचता ये गम,
सब्र को मेरे आजमाता तेरा ये मन।-
सूरज ने सुबह के लिए, चाँदनी ने रात्रि के लिए इंतजार किया ।
वक़्त के साथ ही सबको अपने सब्र का फल मिलता रहा।-
Kuch alag si hai mere ishq ki taqdir aaj v.
Mere batue me hai sirf teri tasweer, aaj v.-
मत हो निराश, तू भी अपने मुकाम तक पहुंच ही जाएगा,
जल्दी ना कर थोड़ा सब्र कर, सब्र का फल मीठा हो जाएगा।।
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Jab v Dil toote,
Kisi ka Saath choote.
Ro liya karo.
ishq na hasil ho,
ya kisi ki "Na" ne diya ho dard,
tum v kahin aur ho liya karo.
thoda Ro liya karo.
Khud ko takleef dekar kya hasil hoga tumhe,
Jaan dene ko jee kare to thoda Sarhad ki or ho liya karo.
Jab v dil kare Ro liya karo.-