पांँव में पायल भी पहनना है,
देहली के बाहर कदम भी रखना है,
सुख में साथ खड़ा रहना है,
दुख में भी हाथों को थामना है,
हांँ! मैं स्त्री हूंँ,
स्वयं को हर रंग में रंगना है।
सुबह देर न हो जाए जल्दी उठना है,
यही सोच कर जल्दी सोना है,
नींद में ख्वाबों को चूमना है,
अंँधेरे में भी उजियारा करना है,
अपनों के साथ साथ अपने
सपने को भी सँवारना है,
हांँ! मैं स्त्री हूंँ,
अपने किरदार में खूब जँचना है।-
हम मध्यमवर्गीय लोग हैं...
हम पहनना चाहते हैं
महंगे लिबास
और ढ़क लेना चाहते हैं
अपनी लाचारी!
हम देखना चाहते हैं
रेड चीफ वाले जूते पैरों में
क्योंकि हमें शर्म आती है चलने में
घिसी हुई चप्पल पहन के!
हम दिखाना चाहते हैं कि
हम अमीर हैं
हम छिपा लेना चाहते हैं
गरीबी पैदाइश को!
विरासत में हमें मिली है तो
बस एक छत और चहारदीवारी;
जिनकी मरम्मत करते–करते
उम्र गुजर जाती है
और कुछ टूटे फूटे
सपनों को जोड़ते–जोड़ते
हम मध्यमवर्गीय लोग
कब टूट जाते हैं
पता नहीं चलता!!
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मैं पुरुष हूंँ
अपने हाल का ख़याल नहीं रहता
अपना किरदार भूल गया हूंँ!
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निराशाओं में जन्में इंसान के साथ
जन्म लिया
हजारों निराशावादी विचारों ने
जिनमें पलती रही
न जाने कितनी इच्छाएं?
जो प्रतिदिन पराजित होते हुए भी
लड़ती रही स्वयं से एक युद्ध!!
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कहने को तो साथ अपने
एक दुनिया चलती है....
कहा न,,,
बस!
“कहने को”-
कर्म करना अच्छा होता है,
पर किसी का अच्छा करना ही
सबसे बड़ा कर्म होता है!-
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी।
Happy Republic day♥️
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ना जियो धर्म के नाम पर,
ना मरों धर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है धर्म वतन का,
बस जियो वतन के नाम पर।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ♥️-
Look ही Attitude वाली है,
दिल में कोई घमंड नहीं हमारे। 😎
Happy🎉 birthday🎉 shanu
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