जन्म से बड़ा बलवान हूं ,
राजनीति का अभिमान हूं l
लौह पुरुष हूं मैं इसलिए महान हूं ll
ना झुका हूं कभी ना रुका हूं ,
मुश्किलों से हरदम लड़ा हूं l
लौहा पुरुष हूं मैं इसलिए महान हूं ll
भारत मां के लिए हरदम लड़ा हूं ,
मन रूप से स्वतंत्र हूं l
देश की स्वतंत्रता में भागी हूं
लौह पुरुष हूं मैं इसलिए महान हूं ll
शत-शत नमन करूं मैं भारत मां को
मैं सरदारपटेल भारत का वासी हूं l
लौह पुरुष हूं मैं इसलिए महान हूं ll
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खुद को तू व्यापारी मत कर
ऐसे मारा-मारी मत कर।
दिल की बातें दिल तक रख
देख इसे बाज़ारी मत कर।
अपना रस्ता खुद तू चुन
सबकी जिम्मेदारी मत कर।
क़र्ज़ चुके ना जीवन भर
इतनी भी उधारी मत कर।
इंसान रहना बेहतर है
खुद को शिकारी मत कर।
साँस साँस गिरवी मत रख
ज़ीस्त को भिखारी मत कर।
ये क़ायनात हमारी है
मेरी और तुम्हारी मत कर।
किससे तूने सबक ये सिखा
कि कभी वफादारी मत कर।
जब होना है हो जायगा
इश्क़ की तू तैयारी मत कर।
दिल पे उसका क़ब्ज़ा है
ज्यादा पहरेदारी मत कर।
सबकी अपनी मर्जी है
खामखाँ सरदारी मत कर।
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बिछड़ के तुझसे मरना है
यह तजुर्बा इसी जिंदगी में करना है
🎵 तु बिचड़न बिचड़न कहंदी है🎵
💕बिछड़े तो जीना पाएंगे। 💕
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Sardaar shaan hunda hai
Au di pagg auda maan hunda hai,
Dewar si khade hunde si,
Jadi vatan da naam hunda hai,
Talwar di dhar hunde si,
Jadi izzat ka kaam hunda hai,
Pyaar di dhal hunde si,
Auda pura jag hi pariyar hunda hai.-
ਉਹ ਕਹਿੰਦੀ ਪੱਗ ਬਿਨਾ ਵੀ ਜੱਚ ਜਾਏਂਗਾ
ਕਰ ਕ਼ਤਲ ਕੇਸ ਕਿਸੇ ਬਹਾਨੇ ਤੋਂ
ਜੋ ਪੱਟ ਸੁੱਟੇ ਰਾਜਨ ਤੈਨੂੰ ਜੜ ਤੋਂ ਹੀ
ਛੱਡ ਕੀ ਲੈਣਾ ਐਸੇ ਚਾਰ ਦਿਨਾਂ ਦੇ ਯਰਾਨੇ ਤੋਂ-
ये हक़ीक़त है कि अख़बार भी बिक जाते हैं!
चार पैसों पे वफादार भी बिक जाते हैं!
ये सियासत है यहाँ इतना समझ लो यारों
वक़्त पढ़ता है तो सरदार भी बिक जाते हैं!
Owaisi sahab✍-
भूख से मर जाते है
जमीन नहीं बेचते...
हम गाँव के लोग है
यकीन नही बेचते..
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